बिहार में कोरोना का कहर, इलाज के आभाव में डॉक्टर ने तोड़ा दम, NMCH के अधीक्षक की पदमुक्त करने की मांग
By एस पी सिन्हा | Published: April 18, 2021 02:27 PM2021-04-18T14:27:19+5:302021-04-18T14:30:23+5:30
बिहार में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इस बीच राज्य में बदहाल व्यवस्था की भी पोल खुल रही है.
पटना:बिहार में कोरोना का कहर लगातार जारी है. कोरोना से मौत का आंकड़ा भी बढता जा रहा है. कोरोना से शनिवार को बिहार में 51 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों 11 पटना में जबकि 40 अन्य जिलों के हैं.
जिलों के कई मरीजों ने पटना में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली. इधर, पीएमसीएच के एक डॉक्टर डॉ.ललन प्रसाद की मौत हो गई. उन्हें समय पर अस्पताल में बेड मिल सका और न आॉक्सीजन, लिहाजा उऩकी मौत हो गई.
सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों तक कहीं बेड नहीं
प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ. ललन प्रसाद के परिजन अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर सरकारी से लेकर निजी अस्पताल का चक्कर लगाते रहे लेकिन कहीं भी उनको बेड नहीं मिला. इसके बाद रात में उन्होंने दम तोड दिया.
आईएमए के वरीय उपाध्यक्ष अजय कुमार ने जानकारी देते हुए कहा है कि बीती रात हमसे संपर्क किया गया. हमने भी प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली. इस तरह से इलाज के बिना एक डॉक्टर की मौत हो गई.
नालंदा जिले में बीडीओ राहुल कुमार की मौत
नालंदा जिले के नूरसराय प्रखंड के बीडीओ राहुल कुमार समेत तीन लोगों की मौत कोरोना से हो गई है. बीडीओ राहुल कुमार ने पटना के फोर्ड हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली. वे 7 अप्रैल को नूरसराय अस्पताल में कोरोना एंटीजन जांच में पॉजिटिव पाये गये थे.
कोरोना की बढ़ती संख्या ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. आए दिन लोग इस बीमारी के संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं, जिससे कई लोगों की अब तक मौत भी हो चुकी है. वही कई जिन्दगी और मौत को बीच जूझ रहे हैं.
शखपुरा में शव को छोड़कर भागे परिजन
ऐसा ही एक मामला शेखपुरा जिले में सामने आया है, जहां गोला रोड के रहने वाले 28 साल के पंकज चौरसिया की पटना में इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद परिजन कोरोना के डर से शव को एक होटल के पास छोड़कर भाग गए. बाद में जब इसकी जानकारी पुलिस को हुई तब परिजनों को समझाने बुझाने के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया.
बैंककर्मियों पर भी कोरोना की मार
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से सूबे में अब तक एक हजार से अधिक बैंक अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. इसके अलावा आधा दर्जन बैंक कर्मी की जान चली गई है.
कोरोना के बढ़ते मामले से सशंकित बैंककर्मियों में हडकंप है. इसके कारण बैंकिंग व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है. बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के कोरोना संक्रमित मिलने से मजूबरी में बैंक की कई शाखाओं को बंद करना पड़ा है.
ऑल इंडिया पंजाब नेशनल बैंक इम्पलाइज फेडरेशन के अध्यक्ष विजय कुमार मिश्रा ने बताया कि बैंकों में बढते कोरोना संक्रमण को लेकर बैंक संगठनों ने मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक तथा एसएलबीसी के संयोजक को पत्र लिखकर बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर गुहार लगाई है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हो सकी है.
नालंदा मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी
पटना के एनएमसीएच में ऑक्सीजन की कमी के कारण कोविड वार्ड में भर्ती मरीजों के बीच हड़कंप मचा है. इस समस्या को देखते हुए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने विभागीय प्रधान सचिव को पत्र भेज कर अधीक्षक पद से मुक्त करने की बात कही है.
अधिकारियों के हस्तक्षेप से नाराज अधीक्षक का कहना है कि इस अस्पताल के ऑक्सीजन स्टॉक को दूसरी जगह भेजा जा रहा है. इससे अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी होने लगी है, जिससे कभी भी बड़ी घटना घट सकती है. ऐसे में सारी जवाबदेही उनके ऊपर आ जाएगी.
अस्पताल में दो दिनों से ऑक्सीजन की कमी होने लगी है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढने से इस अस्पताल में मरीजों के आने का सिलसिला लगातार जारी है. मरीजों की संख्या को देखते हुए यहां 400 से 450 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता है, जबकि आपूर्ति एक चौथाई ही हो पा रही है.
ऐसे में कोविड मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने में डॉक्टरों को काफी परेशानी हो रही है. मरीज के अनुपात में ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं होने की स्थिति में सप्लाई चेन प्रभावित होने का खतरा बना है.