Coronavirus: बंगाल सरकार ने संक्रमितों के अंतिम संस्कार से जुड़ी भ्रांतियां दूर कीं
By भाषा | Published: April 6, 2020 05:53 AM2020-04-06T05:53:46+5:302020-04-06T05:53:46+5:30
अधिकारी ने कहा,‘‘हमने लोगों को बताया कि अंतिम संस्कार के वक्त तापमान 800 से 1,000 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है,जिसमें वायरस जिंदा रह ही नहीं सकता। लगता है कि लोगों को सच्चाई समझ आ गई है।’’
कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के बाद अंतिम संस्कार को लेकर विरोध का सामना करने के बाद ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल सरकार लोगों को यह समझाने में सफल रही है कि इससे स्वास्थ्य को कोई खतरा नहीं है और इस प्रक्रिया में पर्याप्त एहतियात कदम उठाए जा रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने संक्रमण से मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए एक परामर्श जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि ऐसे शवों को जलाने के बाद बची राख से आसपास रहने वाले लोगों को इससे कोई खतरा नहीं है।
स्वास्थ्य विभाग ने कोलकाता नगर निगम के साथ मिल कर लोगों को इस बारे में सही जानकारी देने जैसे कदम उठाए हैं। कोरोना वायरस से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए चिह्नित स्थानों के आसपास रहने वाले लोगों को जानकारी दी जा रही है, इसके अलावा माइक के जरिए लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की जा रही है।
प्रशासन की यह पहल रंग लाती दिखाई दे रही है। अधिकारी ने बताया,‘‘इससे पहले कोरोना वायरस संक्रमण से मारे गए लोगों के अंतिम संस्कार में भारी दिक्कतें आ रही थीं। लोगों का माना था कि शव को जलाने से उठने वाले धुएं से वायरस फैलेगा....हमने उन्हें समझाया कि ऐसा सोचना गलत है...ऐसा होना बेहद मुश्किल है।’’
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने परामर्श में कहा है कि अगर निर्देशों का पालन किया जाए तो इस प्रक्रिया में कोई खतरा नहीं है।
अधिकारी ने कहा,‘‘हमने लोगों को बताया कि अंतिम संस्कार के वक्त तापमान 800 से 1,000 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है,जिसमें वायरस जिंदा रह ही नहीं सकता। लगता है कि लोगों को सच्चाई समझ आ गई है।’’ गौरतलब है कि 23मार्च को शहर के निमताला क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने सरकारी अधिकारियों को कोविड-19 के एक मरीज का अंतिम संस्कार करने से रोकने के लिए प्रदर्शन किया था।