कोरोना वायरस: ईरान में फंसे 250 भारतीय कोविड-19 से संक्रमित, 500 भारतीय वापस लाए गए
By भाषा | Published: April 1, 2020 04:37 PM2020-04-01T16:37:02+5:302020-04-01T16:38:10+5:30
ईरान कोरोना वायरस महामारी से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों में शामिल है और उसके यहां अब तक तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
केंद्र सरकार ने बुधवार (1 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि ईरान के कौम में फंसे 250 भारतीय जायरीनों में कोरोनावायरस के संक्रमण की पुष्टि हुयी है और उन्हें नहीं निकाला गया है। वहीं पांच सौ से ज्यादा दूसरे भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह भारतीय दूतावास को स्थिति पर लगातार निगाह रखने और ईरान में फंसे भारतीय के संपर्क में बने रहने का निर्देश देने के बारे में सोच रही है।
जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि वह इस मामले में याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश देगी और भारतीय दूतावास से कहेगी कि इनकी नई जांच कराई जाए और उन्हें जब भी संभव हो स्वदेश लाने की संभावना पर गौर करे। पीठ ने टिप्पणी की कि सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
इससे पहले, सुनवाई शुरू होते ही केंद्र की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ईरान में फंसे अधिकांश भारतीयों को वापस लाया जा चुका है। याचिकाकर्ता मुस्तफा एमएच की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि ईरान में फंसे सभी भारतीयों को वापस नहीं लाया गया है और अभी भी करीब 250 भारतीय, जिनमें कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो गयी है, अभी भी वहीं हैं और वे ईरानी अधिकारियों की रहम पर हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायालय को सॉलिसिटर जनरल को इन 250 भारतीयों को वापस लाने के बारे में आवश्यक निर्देश लेने के लिये कहें। मेहता ने कहा कि इस समय सारी अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द हैं और संबंधित प्राधिकारियों को विदेश मंत्रालय के फैसले का इंतजार है। मेहता ने कहा, ‘‘ईरान में हमारा दूतावास वहां फंसे 250 भारतीयों के संपर्क में है। वे जब भी संभव होगा उन्हें वापस लायेंगे।’’ उन्होंने कहा कि यह याचिका अब निरर्थक हो चुकी है। इस पर पीठ ने हेगड़े से कहा कि ईरान में फंसे लोगों का ध्यान रखा जा रहा है और इस मामले को अब सरकार पर छोड़ देना चाहिए। पीठ ने कहा, ‘‘आप इस मामले को आवश्यकता पड़ने पर फिर से उठा सकते हैं।’’
हेगड़े ने कहा कि ईरान में अभी भी फंसे कई भारतीयों में इस वायरस के कोई लक्षण नहीं हैं और अगर उन्हें होटलों में ही ठहरने के लिये कहा गया है, जहां इस संक्रमण से प्रभावित लोगों को अलग रखा जा रहा है, तो वे भी इस वायरस की चपेट में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि ईरान में फंसे 250 लोगों के पास पैसा,दवा और दूसरी सुविधायें नहीं हैं। वैसे भी उन्हें लेह जैसे स्थान पर वापस क्यों नहीं लाया जा सकता?
इसपर मेहता ने जवाब दिया कि ईरान से वापस लाकर लेह और दूसरे स्थान पर भेजे गये इन भारतीयों में से कई में अब कोरोनावायरस के लक्षण उभर आये हैं। पीठ ने कहा कि वह ईरान में फंसे भारतीयों की सेहत की स्थिति में सुधार होने पर उन्हें वापस लाने के बारे में आदेश देगी।