Coronavirus: यूपी में कोरोना के 125 नए मरीज, 3 की मौत, सीएम योगी ने रियायतें देने का फैसला जिलों पर छोड़ा

By भाषा | Published: April 20, 2020 05:46 AM2020-04-20T05:46:42+5:302020-04-20T05:46:42+5:30

स्वास्थ्य निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा छह लोग आगरा के हैं। इसके अलावा मेरठ में तीन, मुरादाबाद में दो तथा बस्ती, वाराणसी, बुलंदशहर, कानपुर, लखनऊ और फिरोजाबाद में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।

Coronavirus: 125 new patients, 3 dead in UP, CM Yogi left decision on districts to give relaxation | Coronavirus: यूपी में कोरोना के 125 नए मरीज, 3 की मौत, सीएम योगी ने रियायतें देने का फैसला जिलों पर छोड़ा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। (फाइल फोटो)

Highlightsउत्तर प्रदेश में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है और प्रदेश में रविवार को कोविड-19 संक्रमण के 125 नए मामले सामने आए हैं तथा इस बीमारी से तीन और लोगों की मौत हुई है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान कुछ गतिविधियों को छूट देने का फैसला जिलों के प्रशासन के विवेक पर छोड़ दिया है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना तेजी से पैर पसार रहा है और प्रदेश में रविवार को कोविड-19 संक्रमण के 125 नए मामले सामने आए हैं तथा इस बीमारी से तीन और लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य निदेशालय के आधिकारिक सूत्रों ने रविवार को बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा छह लोग आगरा के हैं। इसके अलावा मेरठ में तीन, मुरादाबाद में दो तथा बस्ती, वाराणसी, बुलंदशहर, कानपुर, लखनऊ और फिरोजाबाद में एक-एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है।

शनिवार तक मौतों का आंकड़ा 14 था। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वक्त कोरोना के 959 मामले मौजूद हैं। शनिवार तक कोरोना संक्रमण के कुल 852 मामले ही थे इस प्रकार इनकी संख्या में 107 का इजाफा हुआ है सूत्रों ने बताया कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आए 127 लोग ठीक भी हुए हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है।

बाराबंकी और शाहजहांपुर के तौर पर दो नए जिले कोरोना मुक्त घोषित किए गए हैं। प्रदेश में अब तक 8 जिले कोरोना मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि राज्य के विभिन्न आइसोलेशन वार्ड में 1050 लोगों को रखा गया है। इसके अलावा मेडिकल क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी में अब तक 10234 लोग रखे गए हैं।

प्रसाद ने बताया मरीजों के आयु वर्ग की बात करें तो 0 से 20 वर्ष तक के 18% मरीज हैं। इसके अलावा 21 से 40 वर्ष आयु वर्ग तक के 47.3%, 41 से 60 वर्ष आयु वर्ग के 24.7% और 60 साल से अधिक उम्र के 9.4% लोग संक्रमित हैं। कुल संक्रमित लोगों में पुरुषों का प्रतिशत 78 है और महिलाओं का प्रतिशत 22 है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार को केंद्र से रैपिड टेस्टिंग किट मिले थे, जिनका उपयोग शुरू कर दिया गया है।

परसों नोएडा से इसके इस्तेमाल की शुरूआत की गई है। प्रसाद ने बताया कि किसी की बीमारी की पुष्टि के लिए इस किट का प्रयोग नहीं किया जाएगा बल्कि यह जानने के लिए किया जाएगा कि किसी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण है या नहीं है। रोगी की संक्रमित होने की पुष्टि केवल प्रयोगशालाओं के जरिए ही की जाएगी। इस बीच गृह विभाग के प्रमुख सचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कोविड-19 के मद्देनजर पैदा सूरते हाल में मदद के लिए बनाए गए केयर फंड में अभी तक 204 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि जमा की जा चुकी है। 

मुख्यमंत्री ने लॉकडाउन के दौरान रियायतें देने का फैसला जिलों पर छोड़ा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन के दौरान कुछ गतिविधियों को छूट देने का फैसला जिलों के प्रशासन के विवेक पर छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में 20 अप्रैल से लाॅकडाउन के दौरान गतिविधियों में छूट के सम्बन्ध में स्थानीय स्तर पर परिस्थितियों को देखते हुए निर्णय लें और उनसे शासन को अवगत कराएं।

उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कुछ औद्योगिक गतिविधियों में छूट दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी, मण्डलायुक्त, क्षेत्रीय तथा परिक्षेत्रीय आला पुलिस अधिकारी और जिलों के पुलिस प्रमुख, जिला उद्योग केन्द्र के अधिकारी, उद्यमी आदि परस्पर विचार-विमर्श कर निर्णय लें। योगी ने ताकीद की कि कहीं भी भीड़ और अराजकता की स्थिति न पैदा होने पाए।

एक्सप्रेस-वे, हाईवे तथा अन्य निर्माण के सम्बन्ध में स्थानीय स्तर पर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के 10 या उससे ज्यादा मामलों वाले 19 संवेदनशील जिलों के भी जिलाधिकारी सजगता और सतर्कता के आधार पर निर्णय लें। यह निर्णय हाॅट स्पाॅट वाले क्षेत्रों में किसी छूट के लिए लागू नहीं होगा।

योगी ने कहा कि मार्च के अंतिम दिनों में बाहर से प्रदेश में आए प्रवासी मजदूरों को भी उनके घरों में पहुंचाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। यह सभी पृथकवास की अवधि पूर्ण कर चुके हैं मगर फिर भी उन्हें अपने घर में पृथकवास में रखा जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा में अध्ययनरत लगभग 08 हजार छात्र-छात्राओं को राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में वापस लाया गया है। इन सभी के लिये घर में पृथकवास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

उन्होंने कहा कि बाहर से आए प्रत्येक व्यक्ति को हर हाल में पृथकवास में भेजा जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 25 अप्रैल से रमजान माह शुरू होने जा रहा है। इस सम्बन्ध में भी धर्मगुरुओं, मौलवियों और मौलानाओं से संवाद स्थापित करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने पाए। सभी धार्मिक कार्य घर से ही सम्पन्न किए जाएं।

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