कोरोना पॉजिटिव कवि-कार्यकर्ता वरवर राव की अस्पताल में चल रही जांच, न्यूरो विशेषज्ञ को बुलाया गया
By भाषा | Published: July 17, 2020 04:53 PM2020-07-17T16:53:30+5:302020-07-17T16:53:30+5:30
कोरोना वायरस से संक्रमित जेल में बंद लेखक एवं कार्यकर्ता वरवर राव का अस्पताल में इलाज चल रहा है, वह न्यूरो समस्या से पीड़ित है इसलिए उनके लिए न्यूरो विशेषज्ञ डॉक्टर को बुलाया गया है।
मुंबई: कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद जेल में बंद लेखक एवं कार्यकर्ता वरवर राव का इलाज सेंट जॉर्ज अस्पताल में हो रहा है और वह न्यूरो (तंत्रिका संबंधी) समस्या से भी पीड़ित हैं। इसके लिए न्यूरो विशेषज्ञ डॉक्टर को इलाज के लिए बुलाया गया है।
अस्पताल अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि एलगार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपी 80 वर्षीय राव को सरकारी जेजे अस्पताल में इस सप्ताह की शुरुआत में भर्ती किया गया था और बाद में उन्हें दक्षिण मुंबई स्थित सरकारी सेंट जॉर्ज अस्पताल भेज दिया गया।
डॉक्टरों ने बताया कि राव को बृहस्पतिवार शाम में सेंट जॉर्ज अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती किया गया क्योंकि मेडिकल जांच में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। अधिकारियों ने बताया कि कोविड-19 इलाज के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उनकी हालत स्थिर है, लेकिन इसका भी पता चला कि उन्हें न्यूरो संबंधी समस्या है। इसकी वजह से वह चीजों को समझ नहीं पा रहे हैं और उसपर पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से संबंधित उनका श्वसन और अन्य मानक सामान्य हैं। उन्होंने बताया कि राव के सीने का एक्सरे और ईसीजी रिपोर्ट भी सामान्य हैं। उनके स्वास्थ्य के बारे में अधिक स्पष्टता के लिए डॉक्टर सीटी स्कैन की योजना बना रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि जे जे अस्पताल के न्यूरो विशेषज्ञों को राव के इलाज के लिए बुलाया गया है और वे आज उन्हें देखने आएंगे।
राव नवी मुंबई के तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत में थे। उन्हें चक्कर आने की शिकायत पर सोमवार को जेजे अस्पताल में भर्ती किया गया था और बाद में तंत्रिका विज्ञान विभाग में भेज दिया गया। राव पिछले 22 महीने से जेल में बंद हैं। इससे पहले उन्होंने चिकित्सीय आधार और कोविड-19 की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एनआईए की विशेष अदालत से जमानत मांगी थी।
सोमवार को राव की तरफ से बंबई उच्च न्यायालय में दो याचिकाएं दायर की गईं। इनमें से एक में खराब स्वास्थ्य की वजह से अस्थायी जमानत मांगी और दूसरे में जेल अधिकारियों को उनका चिकित्सीय रिकॉर्ड पेश करने और उन्हें सरकारी या निजी अस्पताल में भर्ती की मांग की गई। राव और नौ अन्य कार्यकर्ताओं को एलगार परिषद-माओवादी संबंध मामले में पुणे पुलिस ने गिरफ्तार किया था। बाद में इसकी जांच एनआईए को सौंप दी गई।