कोरोना वायरस संकट: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मुफ्त में हो कोविड-19 टेस्ट, निजी लैब्स लोगों से ना लें पैसा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 8, 2020 01:33 PM2020-04-08T13:33:46+5:302020-04-08T13:48:18+5:30
भारत में कोविड-19 मामलों की संख्या बुधवार को बढ़कर 5194 तक पहुंच गई, जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 149 हो गई। देश में अब तक 1 लाख से ज्यादा लोगों का कोरोना वायरस टेस्ट हो चुका है।
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (8 अप्रैल) को कहा है कि निजी लैब्स को लोगों से कोरोना वायरस टेस्ट के पैसे नहीं लेने चाहिए। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा है कि निजी लैबों को कोरोना वायरस टेस्ट के लिए ज्यादा पैसे वसूलने ना दें। आप एक ऐसा प्रभावशाली तंत्र बना सकते हैं जिससे टेस्ट के खर्चें को वापस किया जा सके। केंद्र के प्रतिनिधि तुषार मेहता ने कोर्ट को भरोसा दिया है कि वो इस बारे में विचार करेंगे।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देश भर में 26 प्राइवेट लैब्स को कोरोना वायरस टेस्ट की अनुमति दी है। अभी इन लैब्स में कोरोना वायरस टेस्ट के लिए 4500 रुपये खर्च आता है। सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपील की गई थी कि कोरोना वायरस टेस्ट अभी मुफ्त में होने चाहिए।
वकील शशांक देव सुधि द्वारा दायर याचिका में इस संक्रमण से लोगों को बचाने के प्रयास में निजी लैब और अस्पतालों में इसकी जांच के लिये अधिकतम 4,500 रुपये मूल्य निर्धारित करने के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के 17 मार्च के परामर्श पर भी सवाल उठाये गये हैं।
याचिका में कहा गया है कि निजी अस्पतालों और लैब में इस जांच की 4,500 रूपए कीमत अनुचित है और इससे संविधान के अनुच्छेद 14 मे प्रदत्त समता के अधिकार का हनन होता है। याचिका में कहा गया है कि कोरोनावायरस महामारी बहुत ही गंभीर है और इस महामारी पर काबू पाने के लिये जांच ही एकमात्र उपाय है। याचिका में प्राधिकारियों पर आम जनता की परेशानियों के प्रति पूरी तरह संवेदनहीन होने का आरोप लगाते हुये कहा गया है कि लॉकडाउन की वजह से लोग पहले ही आर्थिक बोझ के तले दबे हुये हैं।
Supreme Court observed & suggested that the tests should be conducted free of cost in the identified private laboratories also. The top court further said that it will pass an appropriate order in this regard. https://t.co/ZFvUwgSgRM
— ANI (@ANI) April 8, 2020
इससे पहले राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) कह चुका है कि आयुष्मान भारत के लाभार्थियों के लिए निजी लैब और पैनल वाले अस्पतालों में ‘कोविड-19’ की जांच और इलाज निशुल्क होंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू करने वाले एनएचए ने कहा कि इससे कोरोना वायरस महामारी से निपटने में देश की क्षमता बढ़ेगी। एनएचए ने एक बयान में कहा, ‘‘सरकारी केंद्रों में कोविड-19 संक्रमण का पता लगाने के लिये जांच और उपचार पहले से ही मुफ्त में उपलब्ध है।