कोरोना वायरस से संक्रमित राज्यसभा सदस्य रघुनाथ महापात्र का निधन, प्रधानमंत्री समेत कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
By भाषा | Published: May 9, 2021 11:43 PM2021-05-09T23:43:05+5:302021-05-09T23:43:05+5:30
भुवनेश्वर, नौ मई कोरोना वायरस से संक्रमित राज्यसभा सदस्य रघुनाथ महापात्र का रविवार को एम्स-भुवनेश्वर में निधन हो गया।
अस्पताल में एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पद्मभूषण से सम्मानित महापात्र (78) को 22 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह प्रख्यात मूर्तिकार भी थे। उनके परिवार में दो बेटे प्रशांत और यशवंत हैं। दोनों का इसी अस्पताल में कोविड-19 का इलाज चल रहा है।
अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद चार डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी।
अधिकारी ने कहा, ''सांसद को स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद 25 अप्रैल को आईसीयू में भर्ती किया गया था। उन्हें वेंटिलेटर पर भी रखा गया, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।''
एम्स-भुवनेश्वर की निदेशक डॉक्टर गीतांजलि बतमनाबाने ने कहा कि डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बावजूद महापात्र अपराह्न 3 बजकर 49 मिनट पर जिंदगी की जंग हार गए।
महापात्र के करीबी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सप्ताह की शुरुआत में उनके एक बेटे को फोन कर उनकी तबीयत के बारे में पूछा था।
प्रधानमंत्री के अलावा ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बी बी हरिचंदन, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केन्द्रीय मंत्रियों-धर्मेन्द्र प्रधान और प्रताप सारंगी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है।
मोदी ने ट्वीट किया, ''सांसद श्री रघुनाथ महापात्र जी के निधन से दुखी हूं। उन्होंने कला, वास्तुकला और संस्कृति की दुनिया में अग्रणी योगदान दिया। उन्हें पारंपरिक शिल्प को लोकप्रिय बनाने की दिशा में उनके योगदान के लिए याद किया जाएगा। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।''
पटनायक ने पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार की घोषणा करते हुए ट्वीट किया, ''महापात्र को ओडिशा में कला और विरासत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए हमेशा याद किया जाएगा। मैं शोकाकुल परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। उनकी आत्मा को शांति मिले।''
चौबीस मार्च, 1943 को पुरी जिले के सासन पाडिया गांव में जन्मे महापात्र को 1975 में पद्म श्री, 2001 में पद्म भूषण और 2013 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
विदेश मंत्रालय ने साल 2000 में उन्हें भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के सदस्य के रूप में नामित किया था।
राष्ट्रपति ने 14 जुलाई 2018 को महापात्र समेत चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था।
महापात्र ने हस्तशिल्प प्रशिक्षण एवं डिजाइनिंग केंद्र, भुवनेश्वर के वरिष्ठ प्रशिक्षक और अधीक्षक के रूप में भी काम किया।
उनकी प्रमुख कलाकृतियों में संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में सूर्य देव की छह फुट ऊंची बलुआ पत्थर की नक्काशीदार मूर्ति और पेरिस के एक मंदिर में लगी भगवान बुद्ध की लकड़ी की प्रतिमा शामिल है।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक सुरेश राउत्रे ने कहा कि महापात्र का सपना भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में दूसरा कोणार्क मंदिर बनाने का था। हालांकि वह इस सपने को साकार नहीं कर पाए।
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