पेट्रोल, डीजल पर टैक्सः केंद्र सरकार को 1.6 लाख करोड़ की कमाई, कच्चा तेल की कीमत 1999 के बाद सबसे निचले स्तर पर

By भाषा | Published: May 6, 2020 06:08 PM2020-05-06T18:08:47+5:302020-05-06T18:08:47+5:30

केंद्र सरकार ने वैट बढ़ोतरी कर पेट्रोल, डीजल पर टैक्स में बढ़ोतरी की है। इस बीच कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हमला बोल दिया है। हालांकि सरकार को 1.6 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो सकती है।

Corona virus India pm narendra modi nirmala sitharaman dharmendra pradhan Tax Petrol Diesel 1.6 lakh crore earned central government crude oil price | पेट्रोल, डीजल पर टैक्सः केंद्र सरकार को 1.6 लाख करोड़ की कमाई, कच्चा तेल की कीमत 1999 के बाद सबसे निचले स्तर पर

मंगलवार देर रात सरकार ने पेट्रोल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये बढ़ा दिया। (file photo)

Highlightsउत्पाद शुल्क और दिल्ली में राज्य सरकार के वैट बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल-डीजल पर कुल कर उनकी कीमत का 70 प्रतिशत हो गया। सरकारों को कोरोना वायरस संकट के चलते लॉकडाउन (बंद) से हो रहे राजस्व नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

नई दिल्लीः पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क में की गई रिकॉर्ड बढ़ोतरी से चालू वित्त वर्ष में सरकार को 1.6 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो सकती है।

उत्पाद शुल्क और दिल्ली में राज्य सरकार के वैट बढ़ोतरी के बाद पेट्रोल-डीजल पर कुल कर उनकी कीमत का 70 प्रतिशत हो गया। इससे सरकारों को कोरोना वायरस संकट के चलते लॉकडाउन (बंद) से हो रहे राजस्व नुकसान की भरपाई करने में मदद मिलने की उम्मीद है।

मंगलवार देर रात सरकार ने पेट्रोल पर प्रति लीटर उत्पाद शुल्क 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपये बढ़ा दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर चली गयी हैं। इस स्थिति का लाभ उठाने के लिए सरकार ने यह निर्णय किया है।

हालांकि इस शुल्क बढ़ोतरी के बावजूद पेट्रोल के दाम 71.26 रुपये प्रति लीटर और डीजल के 69.39 रुपये प्रति लीटर पर अपरिवर्तित बने रहे। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने इस शुल्क बढ़ोत्तरी को अपने सर पर रही रखने का निर्णय किया। इसमें उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल कीमतों में आयी कमी से हो रहे लाभ से मदद मिलेगी।

उत्पाद शुल्क और दिल्ली सरकार के वैट में बढ़ोत्तरी के बाद राजधानी में पेट्रोल और डीजल पर कुल कर इनकी कीमत का 70 प्रतिशत हो गया है। दिल्ली में पेट्रोल की लागत 18.28 रुपये प्रति लीटर बैठती है। लेकिन इस पर 32.98 रुपये का उत्पाद शुल्क, 3.56 रुपये का डीलर कमीशन और 16.44 रुपये का वैट है।

इस प्रकार यह कीमत 71.26 रुपये प्रति लीटर हो जाती है। इसी तरह राजधानी में डीजल की लागत 18.78 रुपये प्रति लीटर है। इस पर 31.83 रुपये का उत्पाद शुल्क, 2.52 रुपये का डीलर कमीशन और 16.26 रुपये का वैट है। इससे यह कीमत 69.39 रुपये प्रति लीटर होती है।

औद्योगिक सूत्रों के मुताबिक दो महीने से कम की अवधि में यह दूसरी बार उत्पाद शुल्क बढ़ाया गया है। वित्त वर्ष 2019-20 के बराबर उपभोग होने पर इससे सरकार को 1.7 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है। हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से किए गए बंद के चलते ईंधन के उपभोग में कमी आयी है। क्योंकि लोगों की आवाजाही पर रोक है। ऐसे में चालू वित्त वर्ष 2020-21 के बचे 11 महीनों में इस शुल्क बढ़ोत्तरी से होने वाली अतिरिक्त आय 1.6 लाख करोड़ रुपये रह सकती है।

इससे पहले सरकार ने 14 मार्च को पेट्रोल और डीजल पर तीन-तीन रुपये प्रति लीटर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था। सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 16 मार्च से पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखा है। सरकार के इस कदम से उत्पाद शुल्क के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय कीमतों में कमी के चलते उनके द्वारा कमाया गया लाभ गिर सकता है।

अधिकारियों ने बताया कि सामान्य तौर पर पेट्रोल-डीजल पर कर की दर बदलने का सीधा असर ग्राहक पर पड़ता है और इसकी कीमतों में फेरबदल होता है। लेकिन 14 मार्च को उत्पाद शुल्क में की गयी बढ़ोतरी के बावजूद ईंधन की कीमतें स्थिर रहीं। इस बढ़े हुए शुल्क को कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें गिरने से हुए लाभ से बदल लिया गया। ब्रेंट कच्चा तेल की कीमत 18 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गयी थी जो 1999 के बाद का सबसे निचला स्तर था।

आईसीआईसीआई सिक्युरिटीज ने कहा कि उत्पाद शुल्क में इस बढ़ोत्तरी से ईंधन का खुदरा कारोबार कर रही पेट्रोलियम विपणन कंपनियों के इस काम में सकल मार्जिन में 64 प्रतिशत की कमी आएगी। पांच मई को यह 19 रुपये प्रति लीटर था लेकिन शुल्क वृद्धि के बावजूद कीमत नहीं बढ़ने से सकल मार्जिन का अनुपात छह मई को घटकर 6.9 रुपये प्रति लीटर रह गया। इस बारे में रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कॉरपोरट वित्त पोषण) विकास हालन ने कहा कि यदि साल भर इस शुल्क बढ़ोत्तरी को बरकरार रखा जाता है तो पेट्रोल पर 21 डॉलर प्रति बैरल और डीजल पर 27 डॉलर प्रति बैरल का कर बढ़ाने से सरकार को 21 अरब डॉलर का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। भाषा शरद मनोहर मनोहर

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