कोविड-19 महामारीः मानवता की सेवा करना जारी रखें मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर, एएमयू शिक्षक संघ ने कहा- ध्यान न दें, काम कीजिए
By भाषा | Published: April 29, 2020 03:00 PM2020-04-29T15:00:00+5:302020-04-29T15:00:00+5:30
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पर लगे आरोप पर एएमयूटीए ने कहा कि आप सभी डॉक्टर काम पर ध्यान दें और मनावता की सेवा करें। कौन क्या कह रहा है इस पर ध्यान न दें।
अलीगढ़ःअलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एएमयूटीए) ने यहां जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों के साथ पूरी एकजुटता का इजहार करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे किसी भी तरह के आरोपों से हतोत्साहित ना हों, बल्कि कोविड-19 महामारी के खिलाफ संघर्ष में मानवता की सेवा करना जारी रखें।
एसोसिएशन ने बुधवार को यहां एक बयान में कहा कि पिछले सप्ताह भर में कोरोना वायरस से तीन डॉक्टर संक्रमित हुए। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर कुछ वर्गों से हो रही अवांछित आलोचनाओं के बावजूद मानवता का कार्य जारी रखे हुए हैं और उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा होनी चाहिए।
सोमवार को भाजपा विधायक दलबीर सिंह ने कथित लापरवाही के लिए अस्पताल पर निशाना साधते हुए अस्पताल के कामकाज को लेकर जांच की मांग उठायी थी। हालांकि विधायक ने मंगलवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उनकी टिप्पणी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।
एएमयूटीए के सचिव प्रोफेसर नजमुल इस्लाम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई तभी सफल हो सकती है जब समाज का हर वर्ग एकजुट रहे। इस बीच एएमयू प्रवक्ता एस किदवई ने बताया कि निजी अस्पताल से मेडिकल कॉलेज रेफर किये गये कोरोना वायरस के एक मरीज के संपर्क में आने के बाद पृथक-वास में भेजे गये 60 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की रिपोर्ट में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई है। किदवई ने कहा कि उक्त दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद अस्पताल ने परिसर में आने वाले हर मरीज की कोरोना वायरस की जांच अनिवार्य कर दी है ।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के एक और जूनियर डॉक्टर के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। मेडिकल कॉलेज में कोरोना वायरस से संक्रमित जूनियर डाक्टरों की संख्या अब दो हो गयी है। अलीगढ़ में संक्रमण में कुल मामलों की संख्या आठ है। मेडिकल कॉलेज के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि जूनियर डॉक्टर के संक्रमित होने की शुक्रवार को पुष्टि हुई।
उसके कोरोना वायरस से संक्रमित किसी मरीज से संपर्क में आने की कोई जानकारी नहीं है और वह कोरोना वायरस के मरीजों के पृथक वार्ड से भी संबद्ध नहीं था। इसके अलावा उसने हाल में किसी अन्य देश की यात्रा भी नहीं की है । प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए जूनियर डॉक्टर के संपर्क में आने के बाद पृथक-वास में रखे गए 60 डॉक्टरों और पराचिकित्सा कर्मियों की जांच रिपोर्ट में वे संक्रमित नहीं पाए गए हैं।