Coronavirus lockdown-4: कोरोना वायरस का प्रकोप, मिजोरम सरकार ने 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 15, 2020 08:05 PM2020-05-15T20:05:08+5:302020-05-15T20:05:45+5:30
मिजोरम राज्य में सबसे ज्यादा असर बुनियादी संरचना वाली परियोजनाओं पर पड़ेगा। मिजोरम के साथ ही क्षेत्र के चार अन्य राज्य- मणिपुर, सिक्किम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश भी कोविड-19 मुक्त राज्य बन गए हैं।
आइजोलः मिजोरम सरकार ने सबसे पहले कदम उठाते हुए 31 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य ने केंद्र को पत्र लिखकर लॉकडाउन को 18 मई से दो और हफ्तों के लिए बढ़ाने की अपील की है। कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होना है।
मिजोरम सरकार ने प्रदेश में जारी लॉकडाउन शुक्रवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से 31 मई तक के लिये बढ़ा दी । एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि विभिन्न राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों, चर्चों और डाक्टरों समेत कुछ संगठनों ने गुरुवार को एक बैठक में लॉकडाउन को विस्तार देने पर सहमति जतायी थी।
अधिकारी ने बताया कि कोविड—19 पर बने विभिन्न टास्क समूहों की एक बैठक हुयी जिसकी अध्यक्षता मुख्य सचिव लालनुनमावी कुआंगो ने की । इसमें यह निर्णय किया गया कि लॉक डाउन को 17 मई के आगे बढाया जायेगा । उन्होंने बताया कि बैठक में विस्तारित लॉकडाउन के नये दिशा निर्देशों पर भी चर्चा हुयी ।
यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोनोवाल ने कहा कि सभी राज्यों को लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने को लेकर शुक्रवार तक अपनी प्रतिक्रिया देनी थी और असम सरकार पहले ही अपने पक्ष से केंद्र को अवगत करा चुकी है। सोनोवाल ने कहा कि उन्होंने बंद के चौथे चरण में उन रियायतों पर भी अपने विचार रख दिए हैं जो वह राज्य के लिए चाहते हैं। उन्होंने कहा, “भारत सरकार को इस पर विचार करने दिया जाए। मैं अभी इसके बारे में ज्यादा नहीं कहना चाहता। सभी राज्यों ने केंद्र को लिखा है जो बंद की अवधि बढ़ाए जाने पर फैसला लेगा।”
मिजोरम के कोरोना वायरस मुक्त होने का श्रेय लोगों के अनुशासन को जाता है : जोरमथंगा
मिजोरम के मुख्यमंत्री पु जोरमथंगा ने कहा कि प्रदेश के कोरोनो वायरस मुक्त होने का श्रेय यहां के लोगों के अनुशासन और चर्च, गैर सरकारी संगठनों तथा प्रशासन के साझा प्रयासों को जाता है। कोविड-19 को फैलने से रोकने में प्रदेश के सफल रहने पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि लॉकडाउन के कारण पहुंचे आर्थिक नुकसान को लेकर वह चिंतित हैं। पड़ोसी बांग्लादेश तथा म्यामां के ‘कोरोना वाहकों’ से होने वाले खतरे की भी उन्हें चिंता है।
राज्य की राजधानी आइजोल में अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को मिजोरम के इकलौते संक्रमित मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल गई जिसके साथ यह कोरोना वायरस मुक्त पहला प्रदेश बन गया। जोरमथंगा ने कहा कि इसका श्रेय लोगों के अनुशासन को जाता है जिन्होंने वायरस फैलने से रोकने के उद्देश्य से गठित विशेष कार्यबल द्वारा बताए गए सभी प्रावधानों को लागू करने में मदद दी। हालांकि उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्य में ‘कोरोना वाहकों’ से खतरा है जो म्यामां और बांग्लादेश के साथ लगने वाली खुली सीमाओं से यहां आ सकते हैं।
ईसाई बहुल राज्य में तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाल रहे 75 वर्षीय जोरमथंगा ने कहा कि उनकी सरकार अतिरिक्त सतर्कता बरत रही है और उसने सभी बड़े जांच बिंदुओं पर मिजोरम पुलिस को तैनात कर रखा है ताकि घुसपैठ ना हो सके। गौरतलब है कि बांग्लादेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 13,134 मामले सामने आए हैं, वहीं म्यामां में 177 मामले आए हैं। इन दोनों ही देशों से भारत में घुसपैठ की घटनाएं आम हैं। कोविड-19 की रोकथाम के लिए 25 मार्च से लागू देशव्यापी लॉकडाउन का उल्लेख करते हुए जोरमथंगा ने कहा कि इसका मिजोरम पर प्रतिकूल असर पड़ेगा क्योंकि पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों की तरह ही यह राज्य भी अपनी अर्थव्यवस्था को चलाने के लिहाज से धन के लिए केंद्र सरकार पर निर्भर रहता है।
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर पूर्व के अन्य राज्यों की तरह मिजोरम केंद्र द्वारा वित्तपोषित राज्य है और उसका 90 प्रतिशत कोष केंद्र सरकार से प्राप्त होता है। अगर देश की अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है जिसकी पूरी आशंका है तो उसके झटके यहां भी महसूस किये जाएंगे और लंबे वक्त तक रहेंगे।’’ जोरमथंगा ने कहा, ‘‘वास्तविक असर कोविड-19 के संकट से उबरने के बाद पता चलेगा। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।’’
इनपुट भाषा