COVID-19: एलजी बैजल बोले- हम सभी भारतीय हैं, दिल्ली सबके लिए, मिलकर महामारी को हराएंगे
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 9, 2020 09:28 PM2020-06-09T21:28:05+5:302020-06-09T21:33:14+5:30
मरीजों से भेदभाव करने के बजाए सरकार को समुचित ढांचे के लिए तैयारी करनी चाहिए, योजना तैयार करनी चाहिए। बहुत जरूरी है कि सभी एजेंसियां-चाहे वो केंद्रीय सरकार हो, राज्य सरकार हो या स्थानीय निकाय मिलकर इस महामारी से लड़ने के लिए काम करें। यही कारण है कि मैंने आज सभी पार्टियों की मीटिंग बुलाई।
नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि सभी को मिलकर इस महामारी को अंत करना होगा। सभी एकजुट होकर इसे हराएंगे। अस्पतालों को लेकर अनिल बैजल के आदेश के संबंध में आप सरकार की आलोचना पर उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि हम सभी भारतीय हैं, दिल्ली सबके लिए है।
मरीजों से भेदभाव करने के बजाए सरकार को समुचित ढांचे के लिए तैयारी करनी चाहिए, योजना तैयार करनी चाहिए। बहुत जरूरी है कि सभी एजेंसियां-चाहे वो केंद्रीय सरकार हो, राज्य सरकार हो या स्थानीय निकाय मिलकर इस महामारी से लड़ने के लिए काम करें। यही कारण है कि मैंने आज सभी पार्टियों की मीटिंग बुलाई। उपयोगी सुझाव प्राप्त हुए।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आप सरकार के दो विवादास्पद फैसलों को सोमवार को पलट दिया था, जिसमें दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों और निजी अस्पतालों को नगरवासियों के लिए आरक्षित कर दिया गया था।
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय ने दिल्ली के अस्पतालों के संबंध में नगर सरकार के आदेश को पलटने के अपने फैसले की आप सरकार द्वारा की जा रही आलोचना को दरकिनार करते हुए मंगलवार को कहा, ‘‘हम भारतीय हैं और दिल्ली सबकी है।’’ उपराज्यपाल कार्यालय ने एक बयान में कहा कि मरीजों के साथ भेदभाव करने के स्थान पर सरकार का लक्ष्य ढांचागत सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था करना होना चाहिए।
उपराज्यपाल ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित और निजी अस्पतालों को सिर्फ दिल्ली के निवासियों के लिए आरक्षित रखने के आप सरकार के फैसले को सोमवार को पलट दिया था। आप सरकार की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए बैजल के कार्यालय ने मंगलवार को कहा, ‘‘हम सभी भारतीय हैं और दिल्ली सबकी है।’’ बयान के अनुसार, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोई भी जिम्मेदार सरकार निवास के आधार पर मरीजों के साथ भेदभाव करने का प्रयास कर रही है।’’
उसमें कहा गया है कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह संविधान के अनुच्छेदों के अनुरुप अस्पताल आने वाले सभी मरीजों को पूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराए। उसमें कहा गया है कि उपराज्यपाल मेडिकल ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने की जरुरतों से पूरी तरह वाकिफ हैं।
इसके साथ ही उन्होंने उस फैसले को भी पलट दिया जिसमें सिर्फ लक्षण वाले मरीजों के लिए ही कोरोना वायरस जांच की बात की गयी थी। आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा ने उन पर दबाव डाला है और पार्टी इस मुद्दे पर "गंदी राजनीति" कर रही है। उपराज्यपाल के इस फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अस्पतालों के संबंध में आप सरकार के आदेश को पलटने से शहर के लोगों के लिए बड़ी समस्या और चुनौती पैदा हो गयी है।
दिल्ली पुलिस के उप निरीक्षक की कोविड-19 से मौत
दिल्ली पुलिस के 59 वर्षीय उप निरीक्षक की मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण से मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इससे पहले, एक कांस्टेबल और दो सहायक उप निरीक्षकों की इस घातक वायरस के कारण मौत हो गई थी। स्वास्थ्य कारणों के चलते पिछले साल नवंबर से ही अवकाश पर रहे एक अन्य कांस्टेबल की भी पिछले सप्ताह मौत हुई थी। पुलिस ने बताया कि उसकी जांच रिपोर्ट में भी कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को जान गंवाने वाले उप निरीक्षक करमबीर उत्तर-पूर्वी जिले में तैनात थे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि करमबीर को कोविड-19 के लक्षण के बाद दो जून को आर्मी बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जन संपर्क अधिकारी अनिल मित्तल ने कहा, '' अस्पताल से पुलिस को सूचना मिली कि पिछले पांच दिन से वेंटिलेटर पर रहे करमबीर की मंगलवार सुबह मौत हो गई।'' पुलिस ने कहा कि वह गोकुलपुरी के बृजपुरी में रहते थे और उनके परिवार में पत्नी, एक बेटी और बेटा है, जो कि मुंबई में रेलवे में तैनात है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अब तक बल के करीब 500 कर्मी कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं, जिनमें से 200 स्वस्थ हो चुके हैं।
आप सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच टकराव बढ़ सकता है
उपराज्यपाल ने कहा कि दिल्ली में कोई भी इलाज करा सकता है और बिना लक्षण वाले लोगों की भी जांच की जानी चाहिए। इस कदम से आप सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच टकराव बढ़ सकता है। उन्होंने दोनों आदेश दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में जारी किए हैं। बैजल ने अपने पहले आदेश में स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय ने कई फैसलों में कहा है कि स्वास्थ्य का अधिकार' संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का अभिन्न अंग है।
उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित सभी सरकारी और निजी अस्पतालों तथा नर्सिंग होम और क्लीनिकों को दिल्ली के निवासी या गैर-निवासी के बीच किसी भेदभाव के बिना सभी कोरोना वायरस रोगियों का इलाज करना है। उन्होंने अपने दूसरे आदेश में केवल लक्षण वाले रोगियों के लिए कोरोना वायरस की जांच के आप सरकार के आदेश को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर द्वारा निर्धारित सभी नौ श्रेणियों के लोगों की राष्ट्रीय राजधानी में जांच की जानी चाहिए।
उपराज्यपाल के इस फैसले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अस्पतालों के संबंध में आप सरकार के आदेश को पलटने से शहर के लोगों के लिए बड़ी समस्या और चुनौती पैदा हो गयी है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि देशभर से आने वाले लोगों के लिए करोना वायरस महामारी के दौरान इलाज मुहैया कराने का इंतजाम करना बड़ी चुनौती है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘उपराज्यपाल साहब के आदेश ने दिल्ली के लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्या और चुनौती पैदा कर दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘शायद भगवान की मर्जी है कि हम पूरे देश के लोगों की सेवा करें। हम सबको इलाज मुहैया कराने का इंतजाम करने की कोशिश करेंगे।’’ उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसने आप सरकार के फैसले को पलटने के लिए उपराज्यपाल पर दबाव डाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा को लोगों के कल्याण के बारे में सोचना चाहिए।
उपराज्यपाल के आदेश पर राजनीति कर रही है आप सरकार : भाजपा
भाजपा ने मंगलवार को आम आदमी पार्टी की सरकार पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली के अस्पताल सिर्फ दिल्ली वालों के लिए हैं के फैसले को पलटने वाले उपराज्यपाल के निर्णय को लेकर राजनीति कर रही है। भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पिछले छह साल के शासन में राष्ट्रीय राजधानी में स्वास्थ्य सुविधाएं और खराब ही हुई हैं और उनकी सरकार काम नहीं करती है बल्कि दोषारोपण में लगी रहती है।
नयी दिल्ली से सांसद लेखी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘दिल्ली सरकार ने शासन चलाने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में अपनी अक्षमता प्रदर्शित की है। वह सिर्फ विशुद्ध राजनीति कर रही है।’’ उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सोमवार को दिल्ली सरकार के दो विवादित फैसलों को पलट दिया। पहला फैसला था... राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली सरकार द्वारा संचालित और निजी अस्पतालों को दिल्लीवासियों के लिए आरक्षित रखना। और दूसरा सिर्फ उन्हें लोगों की कोविड-19 की जांच करना जिनमें लक्षण नजर आ रहे हैं।
उपराज्यपाल के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आप ने आरोप लगाया कि उनपर भाजपा द्वारा दबाव बनाया जा रहा है और वह सिर्फ ‘‘ओछी राजनीति’’ कर रही है। लेखी ने रेखांकित किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी ऐसे ही एक आदेश को खारिज किया है जिसमें कहा गया था कि सिर्फ दिल्ली के निवासियों को ही दिल्ली सरकार के अस्पतालों में इलाज कराने का अधिकार होगा और कहा कि आप सरकार ने फैसले की जानकारी होने के बावजूद ऐसा आदेश दिया। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के फैसले को पलट कर उचित कदम उठाया है। लेखी ने आप सरकार पर आरोप लगाया कि वह समझ नहीं पा रही है कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और वह भारत का अंग हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने अपना खुद का इलाज बेंगलुरु में कराया था।
With Delhi govt, regular meetings of SDMA are held in presence of CM & Dy CM. In DDMA meeting, we get full support from Centre which sends their experts from time to time to guide us. Having said that I reserve right to take decisions in interest of people of Delhi: Anil Baijal https://t.co/LeYDYRQrOg
— ANI (@ANI) June 9, 2020
इनपुट भाषा