एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया बोले-सभी का वैक्सीनेशन होने के बाद होगी बूस्टर डोज की आवश्यकता, इम्यूनिटी हो जाएगी डबल स्ट्रांग
By वैशाली कुमारी | Published: July 25, 2021 08:58 PM2021-07-25T20:58:42+5:302021-07-25T22:12:30+5:30
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा बूस्टर डोज लेने से मजबूर होगी इम्यून सिस्टम, कोरोना नये वेरिएन्ट को देगा मात।
देश में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका और वेरिएंट के मद्देनजर सरकार वैक्सीनेशन पर लगातार जोर दे रही है। इस बीच एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना को देखकर ऐसा लगता है कि भविष्य मे इसके और अधिक वेरिएंट हो सकते हैं। जिससे बचने के लिए सरकार को बूस्टर डोज की भी जरूरत पड़ सकती है। क्योंकि समय बीतने के साथ लोगों में वैक्सीनेशन की इम्यूनिटी कम हो सकती है। जिसके कारण कोरोना के नए वेरिएंट सरकार के लिए सरदर्द बन सकते हैं। इससे बचने के लिए बूस्टर डोज मददगार साबित हो सकती है।
दूसरी पीढ़ी के टीके हो सकते हैं प्रभावी
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया का कहना है कि इस समय हमारे पास जो टीके उपलब्ध हैं। उनसे भविष्य में आने वाले दूसरी पीढ़ी के टीके इम्युनिटी के मामले में बेहतर होंगे। कोरोना के नये वेरिएंट के खिलाफ वह ज्यादा असरदार साबित हो सकते हैं। गुलेरिया का कहना है कि बूस्टर वैक्सीन का परीक्षण पहले से ही चल रहा है । इसका प्रयोग एक बार पूरी आबादी का वैक्सीनेशन हो जाने के बाद सभी को बूस्टर वैक्सीन के तौर पर देना होगा, जिससे ये खुराक लोगों को हर वेरिएंट से लड़ने के लिए तैयार करेगी।
बच्चों के लिए सितम्बर से उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन
डॉ गुलेरिया का कहना है कि हमारे देश में सितंबर तक बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह कोरोना नए वेरिएंट से लड़ने में भी सक्षम होगा। डॉ गुलेरिया ने कहा कि बच्चों के लिए भारत बायोटेक परीक्षण कर रहा है और सितंबर तक बच्चो के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने की उम्मीद है। फाइजर वैक्सीन को अप्रूवल मिल चुका है, सितंबर तक बच्चों का टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा।
वैक्सीन खरीद में देरी के लिए एम्स प्रमुख ने कहा कि यह काफ़ी लम्बा प्रोसेस होता है। इस कारण देरी होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि कुछ बातों का खयाल रखकर हम सरकार का सहयोग कर सकतें हैं। इसके साथ ही वैक्सीन निर्माता कंपनियों के पास अतिरिक्त डोज भी उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे हम वैक्सीनेशन के लक्ष्य को जल्दी से जल्दी प्राप्त कर सकें।