केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा- शवों की कोरोना जांच नहीं की जा रही, परिजन नहीं आ रहे डेड बॉडी लेने
By भाषा | Published: June 2, 2020 05:17 AM2020-06-02T05:17:58+5:302020-06-02T05:17:58+5:30
दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय में एक दाखिल एक हलफनामे में कहा, “कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की बिना जांच हुए मौत हो गई और जांच रिपोर्ट के अभाव में उनके रिश्तेदार शव लेने नहीं आ रहे हैं और शवों की जांच बंद कर दी गई है।”
नई दिल्लीः आम आदमी पार्टी सरकार ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसने मृतकों की कोविड-19 जांच करना बंद कर दिया है जिसके कारण संक्रमण से मौत की आशंका होने पर मृतकों के रिश्तेदार शव लेने नहीं आ रहे हैं, जिससे अस्पतालों को पार्थिव शवों का निस्तारण करने में देर हो रही है।
दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय में एक दाखिल एक हलफनामे में कहा, “कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों की बिना जांच हुए मौत हो गई और जांच रिपोर्ट के अभाव में उनके रिश्तेदार शव लेने नहीं आ रहे हैं और शवों की जांच बंद कर दी गई है।” शवों के निस्तारण में हो रही देर का एक कारण बीमारी से उपजा सामाजिक कलंक और पृथक-वास में जाने का भय भी है।
अधिवक्ता संजय घोष के माध्यम से दाखिल हलफनामे में सरकार ने कहा, “यह अपरिहार्य कारणों से एक बार हुई घटना है और भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं।” हलफनामे में कहा गया कि उठाए गए कदमों में से एक यह है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 से होने वाली मौत वाले शवों के समय पर निस्तारण की जिम्मेदारी तय कर दी गई है जिसके तहत उस अस्पताल के निदेशक पर शवों के निस्तारण की जिम्मेदारी होगी जहां मरीज की मौत हुई या उसे मृत अवस्था में लाया गया।
हलफनामे में कहा गया कि शवों के निस्तारण में देरी का एक कारण यह भी है कि मृतकों के रिश्तेदारों को गलत जानकारी दी गई कि अस्पताल शव का निस्तारण करेगा जबकि अस्पताल इसमें केवल सहायता ही कर सकता है और शवों को मृतक के परिजनों को ले जाना होगा।
दिल्ली में संक्रमित लोगों की संख्या 20,000 के पार
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 20,000 से अधिक मामले हो गए और मृतकों की संख्या भी बढ़कर 523 हो गई। अधिकारियों ने बताया कि 8746 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 11,565 लोग अभी संक्रमित हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को जारी बुलेटिन में कहा कि संक्रमण के 20834 मामले हो चुके हैं।
विभाग के मुताबिक मृतकों की संख्या 523 हो गयी। इनमें 50 लोगों की मौत सात अप्रैल और 31 मई के बीच हुई, 25 मई को नौ लोगों की मौत हुई जबकि 30 मई को 10 लोगों की मौत हुई। रविवार को सबसे ज्यादा 1295 मामले आए जिससे संक्रमितों की संख्या 19844 हो गई। इस तरह पहली बार शहर में एक ही दिन में संक्रमण के 1200 से ज्यादा मामले आए। कुल 6238 मरीज पृथक-वास में हैं जबकि 2748 लोग एलएनजेपी अस्पताल, आरएमएल अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल तथा एम्स, झज्जर जैसे अस्पतालों में भर्ती हैं।