मंद पड़ रहा है कोरोना का प्रकोप, ज्यादा टेस्टिंग के बाद भी महाराष्ट्र स्थिर, मृत्यु दर में देखने को मिली हल्की गिरावट

By हरीश गुप्ता | Published: May 15, 2020 06:42 AM2020-05-15T06:42:37+5:302020-05-15T06:42:37+5:30

एक अप्रैल को जहां भारत में प्रति 10 लाख केवल 40 टेस्ट हो रहे थे, आज यह आंकड़ा 1212 टेस्ट प्रति 10 लाख तक पहुंच चुका है. कोरोना मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत आज 33.6 प्रतिशत के उत्साहजनक स्तर तक पहुंच चुका है.

corona outbreak slowing down, Maharashtra stable even after much testing, Figures raised hope | मंद पड़ रहा है कोरोना का प्रकोप, ज्यादा टेस्टिंग के बाद भी महाराष्ट्र स्थिर, मृत्यु दर में देखने को मिली हल्की गिरावट

मंद पड़ रहा है कोरोना का प्रकोप। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsभारत ने जबकि लॉकडाउन के 50 दिन पूरे कर लिए हैं, कोविड-19 महामारी का प्रकोप कुछ मंद पड़ता दिखाई दे रहा है. देश का सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र सबसे ज्यादा टेस्टिंग के बाद भी स्थिर होता दिख रहा है.

नई दिल्लीः भारत ने जबकि लॉकडाउन के 50 दिन पूरे कर लिए हैं, कोविड-19 महामारी का प्रकोप कुछ मंद पड़ता दिखाई दे रहा है. देश का सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र सबसे ज्यादा टेस्टिंग के बाद भी स्थिर होता दिख रहा है. आईसीएमआर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और अन्य आधिकारिक स्रोतों के आंकड़ों से यह सकारात्मक तथ्य उभरकर सामने आया है.

एक अप्रैल को जहां भारत में प्रति 10 लाख केवल 40 टेस्ट हो रहे थे, आज यह आंकड़ा 1212 टेस्ट प्रति 10 लाख तक पहुंच चुका है. कोरोना मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत आज 33.6 प्रतिशत के उत्साहजनक स्तर तक पहुंच चुका है. मृत्यु दर में हल्की (3.3 प्रतिशत से 3.2 प्रतिशत) गिरावट देखने को मिल रही है.

वैसे कोविड-19 मामलों में वृद्धि के दोगुने होने की दर 10.8 से 12.2 प्रतिशत हो गई है. कुल मामलों में भारत का प्रति 5 दिन बढ़ोत्तरी का औसत 20 बेसिस पॉइंट्स से गिरकर 5.5 प्रतिशत रह गया है. कोरोना प्रभावितों का आंकड़ा बढ़ने के बीच यह न्यूनतम है.

गत 50 दिनों में कोरोना पॉजिटिव मामलों में बढ़ोत्तरी की दर लगभग स्थिर हो चुकी है. 50 दिन पहले यह जहां 3.7 प्रतिशत प्रति 10 लाख थी तो 11 मई को यह 4 प्रतिशत प्रति 10 लाख हो चुकी है. आदर्श स्थिति के करीब राहत की एक और बात पुनउर्त्पादन दर (आरओ) भी गिरकर 1.23 प्रतिशत रह गई है.

हालांकि आदर्श स्थिति 1 प्रतिशत से कम होगी. इसका मतलब होगा कि एक व्यक्ति एक से भी कम व्यक्ति को प्रभावित कर रहा है. बिना किसी टीके के यह हासिल करना एक बड़ी उपलब्धि होगी. चिंताजनक तो है महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और तमिलनाडु की स्थिति से चिंता तो है, लेकिन इसकी वजह घनी आबादी वाले झुग्गियों के इलाके हैं.

केंद्र और राज्य सरकार इससे निपटने की संयुक्त रणनीति पर काम कर रहे हैं. दैनिक वृद्धि दर में असम (23%) और ओडिशा (23%) के बाद बिहार (13%) का नंबर आता है. पिछले पांच दिन का हाल महाराष्ट्र मामलों और मौत के लिहाज से इस समय देश में सबसे आगे है, लेकिन प्रतिशत की बात की जाए तो पिछले पांच दिन में मामलों में बढ़ोत्तरी में ओडिशा (15%), बिहार (10.6%) और तमिलनाडु (9%) सबसे ऊपर हैं. कोरोना टेस्टिंग के मामले में तमिलनाडु (2.54 लाख) और महाराष्ट्र (2.18 लाख) सबसे आगे और बिहार, ओडिशा सबसे नीचे हैं.

 

Web Title: corona outbreak slowing down, Maharashtra stable even after much testing, Figures raised hope

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