कोविड-19 से बचाव की उम्मीदः लोगों ने नीम के पेड़ के नीचे बना दिया 'कोरोना माता' का मंदिर, अब उमड़ रहे श्रद्धालु
By अभिषेक पारीक | Published: June 12, 2021 09:07 PM2021-06-12T21:07:38+5:302021-06-12T21:19:19+5:30
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के शुक्लापुर गांव में यह मंदिर बनाया गया है। स्थानीय लोगों ने नीम के पेड़ के नीचे बनाया है। उन्हें उम्मीद है कि इससे देवी का आशीर्वाद मिलेगा और महामारी पास नहीं फटकेगी।
देश में कोरोना वायरस की लहर कमजोर पड़ रही है। कोरोना संक्रमण के दैनिक मामलों की संख्या में काफी कमी देखी जा रही है और मौतों की संख्या भी कम हुई है। ऐसे में लोगों ने कोरोना माता का मंदिर भी बना दिया है। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के शुक्लापुर गांव में नीम के पेड़ के नीचे यह मंदिर बनाया गया है। स्थानीय लोगों को उम्मीद है कि इससे देवी का आशीर्वाद मिलेगा और महामारी पास नहीं फटकेगी।
सोशल मीडिया पर मंदिर की तस्वीरें खूब घूम रही हैं। जिनमें कोरोना माता की मूर्ति मास्क लगाए नजर आ रही है। साथ ही मंदिर की दीवार पर लिखा है विश्व का एकमात्र कोरोना माता मंदिर।
गांव के लोगों ने जुटाया धन
स्थानीय मीडिया के अनुसार, मंदिर की स्थापना के लिए गांव के लोगों ने धन जुटाया। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक ग्रामीण के हवाले से बताया है कि ग्रामीणों ने इस विश्वास के साथ मंदिर की स्थापना की है कि देवता के रूप में पूजने से कोविड-19 से पीड़ित लोगों को राहत मिलेगी।
‘Corona Mata’ temple comes up under a neem tree at a village in Pratapgarh district
— ANI UP (@ANINewsUP) June 12, 2021
"Villagers collectively decided & set up the temple with belief that praying to the deity would definitely offer respite to people from Coronavirus," a villager said yesterday. pic.twitter.com/jA3SGU0RQE
मंदिर पर लिखी है चेतावनी
हालांकि यहां पर सभी कोविड प्रोटोकॉल ताक पर रख दिए गए हैं। मंदिर में लोगों की भीड़ रहती है। प्रार्थना करने और पुजारी से प्रसाद ग्रहण करने के दौरान कोविड नियमों की अनदेखी की जाती है। यह तब है जब मंदिर पर चेतावनी लिखी है। जिसमें लिखा है, 'कृपया दर्शन से पूर्व मास्क लगाएं, हाथ धोएं एवं दूर से ही दर्शन कीजिए, वरना...'।
पहले भी सामने आ चुके हैं मंदिर
यह पहला मंदिर नहीं है जहां कोरोना की पूजा की जा रही है। इससे पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर और कर्नाटक के मधुवनहल्ली गांव में भी ऐसे ही मंदिर बनाए जा चुके हैं।
सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल
मंदिर की तस्वीरें और वीडियो वायरल होने के बाद कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी है। कई लोगों ने कहा कि देश में बीमारियों से बचाव के लिए देवताओं को पूजने की लंबी परंपरा है। वहीं कुछ लोगों ने कहा है कि मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग रखनी चाहिए।