कोरोना संकटः सीएम गहलोत ने कहा- राजस्थान में चिकित्सा संसाधनों की कोई कमी नहीं, हमारे पास हैं 3018 ऑक्सीजन बेड
By रामदीप मिश्रा | Published: September 7, 2020 06:55 AM2020-09-07T06:55:51+5:302020-09-07T06:55:51+5:30
गहलोत ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमने यह व्यवस्था भी की है कि यदि सरकारी अस्पताल में बेड पूरी तरह भर जाएं तब आवश्यकता होने पर निजी चिकित्सालयों में भी कोविड रोगियों को निशुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी।
जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना महामारी से लोगों की जीवन रक्षा के लिए राज्य सरकार संसाधनों की कोई कमी नहीं आने देगी। चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार और उन्हें मजबूत बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। सरकार के लगातार प्रयासों और सतर्कता से प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में कोविड की जांच एवं उपचार के लिए राजधानी से लेकर जिलों तक चिकित्सा सुविधाओं का मजबूत नेटवर्क स्थापित किया गया है।,
सीएम गहलोत ने कहा है कि वर्तमान में प्रदेश में कहीं भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है। हमारे पास 3018 ऑक्सीजन बेड हैं, जिनमें से 872 ही उपयोग में आ रहे हैं। इसी प्रकार 913 आईसीयू बेड में से 406 और 490 वेंटीलेटर में से 113 पर ही रोगी हैं। भविष्य की आवश्यकताओं को देखते हुए जयपुर के आरयूएचएस, जयपुरिया हॉस्पिटल तथा रेलवे हॉस्पीटल में 50-50 नए ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई गई है।
उन्होंने कहा कि संभागीय मुख्यालयों के अस्पतालों के साथ ही जिला अस्पतालों में भी ऑक्सीजन बेड्स की संख्या बढ़ाई जा रही है। हम कहीं भी ऑक्सीजन बेड्स की कमी नहीं आने देंगे। प्रदेश में कोविड-19 के के लिए 130 डेडिकेटेड अस्पताल चिन्हित हैं। इसके अलावा 292 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए गए हैं।
गहलोत ने कहा है कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हमने यह व्यवस्था भी की है कि यदि सरकारी अस्पताल में बेड पूरी तरह भर जाएं तब आवश्यकता होने पर निजी चिकित्सालयों में भी कोविड रोगियों को निशुल्क उपचार की सुविधा मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि जिला कलक्टरों को इस संबंध में आदेश दे दिए गए हैं। साथ ही साधन सम्पन्न वे लोग जो स्वयं के खर्चे पर निजी अस्पतालों में उपचार कराना चाहें, उन्हें भी उचित दरों पर इलाज सुलभ कराने के लिए निजी अस्पतालों एवं लैब में कोविड उपचार एवं जांच की दरें निर्धारित कर दी हैं, ताकि किसी से अधिक राशि नहीं ली जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए यह व्यवस्था भी की है कि जिन रोगियों (एसिम्प्टोमैटिक) की स्थिति गंभीर नहीं है, उन्हें वे निर्धारित दरों पर नजदीकी होटल में भी रख सकते हैं, ताकि अस्पताल में गंभीर रोगियों के लिए ऑक्सीजन एवं आईसीयू बेड की कमी नहीं रहे। इसके लिए उनको जिला कलक्टर की अनुमति लेनी होगी।
गहलोत ने कहा कि देशभर में पॉजिटिव केसेज की संख्या बढ रही है। प्रदेश में भी पॉजिटिव केसेज बढे़ हैं, लेकिन समन्वित प्रयासों से हम मृत्यु दर न्यूनतम रखने में कामयाब रहे हैं। पिछले दो माह में तो राज्य में मृत्यु दर एक प्रतिशत से भी कम रही है। वर्तमान में राजस्थान में कोरोना से औसत मृत्यु दर 1.26 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 1.72 प्रतिशत, गुजरात में 3 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 2.15, दिल्ली में 2.41, उत्तर प्रदेश में 1.48 प्रतिशत है।