बिहार में जारी है कोरोना का कहर, संक्रमण ने 13 डॉक्टरों को सुला दी मौत की नींद, संक्रमितों की संख्या हुई 54508
By एस पी सिन्हा | Published: August 1, 2020 07:21 PM2020-08-01T19:21:08+5:302020-08-01T19:21:08+5:30
पटना में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या और 44 जा पहुंची है. पटना में अभी भी 3664 एक्टिव केस मौजूद हैं.
पटना: बिहार में कोरोना वायरस के कारण पिछले 24 घंटे में 14 लोगों की मौत हो गई है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी ताजा आंकडों में बिहार के अंदर कोरोना से मरने वालों की संख्या 312 बताई गई है.
31 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग ने 298 लोगों की मौत के बारे में जानकारी दी थी. बिहार में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने समस्तीपुर जिले के सिविल सर्जन डॉ आर आर झा समेत 13 डॉक्टरों को मौत की नींद सुला दी और इन सभी डॉक्टरों की मौत जुलाई महीने में ही हुई है.
सबसे गौर करने वाली बात यह है कि मरने वाले सभी डॉक्टरों की उम्र 60 से लेकर 67 वर्ष के बीच की है. अब पटना के डीएम कुमार रवि की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
कुमार रवि की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वह होम आइसोलेशन में चले गए हैं. पटना में कुल 594 नए मरीज पाए गए हैं. राजधानी के शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में नए मरीजों की पुष्टि हुई है.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी किए गए ताजा आंकडों के मुताबिक बिहार में 3521 नए कोरोना के मरीज मिले हैं. इन मरीजों के मिलने के साथ बिहार में कोरोना संक्रमण का आंकडा बढकर 54508 जा पहुंचा है, जो अपने आप में सबसे बडी उछाल है.
बिहार आईएमए के सेक्रेटरी डॉक्टर सुनील कुमार ने बताया कि हमने राज्य सरकार से कई बार अनुरोध किया है कि जिन डॉक्टरों की उम्र 60 और 65 के बीच की है और वो कोविड 19 केस को देख रहे हैं उन्हें घर से काम करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाये. लेकिन अभी तक इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया.
वहीं बिहार आईएमए के उपाध्यक्ष डॉक्टर अजय कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकारी अस्पतालों में जो पीपीई किट दिया गया है, उसकी क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है. हाल ही में जब दिल्ली से आई टीम ने एनएमसीएच को दौरा किया था तो उन्होंने भी पीपीई किट की क्वालिटी का सही नहीं बताया था.
बिहार आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि उम्रदराज डॉक्टरों से दूसरे प्रकार के काम लिये जा सकते हैं, मसलन इमरजेंसी वार्ड या फिर बुजुर्ग मरीजों के देख भाल के लिए बने वार्ड में उन डॉक्टरों से सेवा ली जा सकती है.पटना एम्स में 13 जुलाई को गया के डॉक्टर अश्विनी कुमार (59 वर्ष) की मौत हो गई.
डॉक्टर अश्विनी जनरज फिजिशियन भी थे और प्राइवेट क्लिनिक भी चलाते थे. अगले ही दिन 14 जुलाई को ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर एनके सिंह (69 वर्ष) की भी कोरोना से मौत हो गई.
डॉक्टर कल्याण कुमार (70 वर्ष) की 20 जुलाई, समस्तीपुर के सिविल सर्जन डॉ आर आर झा और अररिया के डॉक्टर जीएन साह (70 वर्ष) की 22 जुलाई को मौत हो गई.
24 जुलाई को तीन डॉक्टरों की, मसौढी के डॉ अवधेश कुमार सिंह, सुपौल के डॉ महेंद्र चौधरी और पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग के पूर्व विभागध्यक्ष डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, की मौत हो गई.
मुंगेर के डॉक्टर डीएन चौधरी की 25 जुलाई को मौत हो गई. 30 जुलाई को चार डॉक्टरों, पूर्वी चंपारण के आदमपुर निवासी डॉक्टर नागेंद्र प्रसाद, मुजफ्फरपुर के मेजर रिटायर्ट डॉक्टर एके सिंह मसौढी अनुमंडल अस्पताल में तैनात डॉक्टर के राजन और दंत चिकित्सक डॉक्टर गोविंद प्रसाद, की मौत हो गई.
पटना में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या और 44 जा पहुंची है. पटना में अभी भी 3664 एक्टिव केस मौजूद हैं. पटना के अलावे भागलपुर में 30 लोगों की मौत कोरोना वायरस से हुई है.
गया में 21, नालंदा में 16, मुंगेर में 15, पूर्वी चंपारण में 13, मुजफ्फरपुर में 13, रोहतास में 17, समस्तीपुर, सारण, दरभंगा, बेगूसराय और पश्चिम चंपारण में 10-10 लोगों की मौत हो चुकी है.