बिहार में कोरोना, अस्पतालों में बेड के साथ अब ऑक्सीजन को लेकर हंगामा, विपक्ष का आरोप-हालात बद से बदतर
By एस पी सिन्हा | Published: April 20, 2021 07:56 PM2021-04-20T19:56:50+5:302021-04-20T19:57:49+5:30
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पिछले 24 घंटे के दौरान पूर्व शिक्षामंत्री और प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी जदयू के विधायक मेवालाल चौधरी सहित 49 और व्यक्ति की मौत हो जाने से इससे मरने वालों की संख्या 1790 तक पहुंच गई.
पटनाः बिहार में कोरोना की दूसरी लहर का कहर जानलेवा साबित होता जा रहा है. प्रतिदिन संक्रमितों के आंकड़े रफ्तार के साथ तेजी से आगे बढ़ते जा रहे हैं.
मरने वालों की तादाद बढ़ रही है. अस्पतालों में बेड नहीं हैं तो अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी से त्राहिमाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है. हालांकि सरकार का दावा है कि स्थिति समान्य है और विपक्ष का आरोप है कि हालात बद से बदतर होती जा रही है.राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति अभी भी मांग के अनुसार नहीं हो पा रही है.
स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रयास करने के बाद भी केंद्र की ओर से प्रतिदिन ऑक्सीजन आवंटन नहीं होने के कारण किल्लत बनी हुई है. आज स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने वर्चुअल प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि राज्य में 14 ऑक्सीजन प्लांट को चालू किया गया है. बीते तीन दिनों में राज्य को अन्य बिहार से केवल 60 एमटी लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है.
इस कारण पूरी क्षमता के साथ राज्य में उत्पादन नहीं हो पा रहा है. इसमें कुल 32 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि इन प्लांटों में 72 एमटी क्षमता के करीब क्रायोजेनिक ऑक्सीजन प्लांट लगे हुए हैं, जो लिक्विड ऑक्सीजन को मेडिकल यूज के लिए तैयार करते हैं. ऐसे में अगर सभी प्लांट पूरी क्षमता से चले तो राज्य में प्रतिदिन 104 एमटी के लगभग ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी.
इससे राज्य के अस्पतालों के अधिकतम मांग को पूरा किया जा सकेगा. बीते तीन दिनों में राज्य को अन्य बिहार से केवल 60 एमटी लिक्विड ऑक्सीजन की आपूर्ति हुई है. इस कारण पूरी क्षमता के साथ राज्य में उत्पादन नहीं हो पा रहा है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को केंद्र के उच्च अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह मांग रखा गया है कि बिहार को 12 अति प्रभावित राज्यों में शामिल करते हुए लिक्विड ऑक्सीजन का कोटा निर्धारित करे.
अधिकारियों ने बताया कि कोटा निर्धारित होने से झारखंड में लगी कंपनियों के प्लांट से राज्य को प्रतिदिन ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी और राज्य में ऑक्सीजन की समस्या दूर हो सकेगी. राज्य में वर्तमान में 14 ऑक्सीजन प्लांट कार्यरत हैं. इसमें पटना में चार, भागलपुर में दो, गया में एक, दरभंगा में एक, पूर्णिया में एक, नालंदा में एक, पूर्वी चंपारण में एक और औरंगाबाद आदि जगहों पर एक ऑक्सीजन प्लांट चल रहे हैं. इसबीच राज्य में ऑक्सीजन गैस की कमी को मुद्दा बनाने वाले जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद पप्पू यादव ने एक फोटो ट्वीट करते हुए लिखा है कि बिहार में पांच सिलेंडर के साथ पांच बाउंसर!
समझें हालत कितने संगीन हैं, चिंताजनक है. यह तस्वीर कहां कि यह स्प्षट नहीं है. इस तस्वीर के जरिए पप्पू यादव ने सूबे में ऑक्सीजन की जरूरत और उसकी सुरक्षा, दोनों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. बिहार के कोरोना अस्पतालों में आक्सीजन गैस की कमी की बात सामने के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने दावा किया है कि एक दो दिन में ऑक्सीजन की कमी की समस्या दूर कर ली जाएगी.
साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि, पटना और अन्य जिलों में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. इसबीच पटना से सटे बाढ़ एनटीपीसी में कोरोना ने कहर बरपाया है. एनटीपीसी के 29 कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गये हैं. इन कर्मचारियों के 35 परिजन भी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. बाढ़ एनटीपीसी में एक 29 कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव मिलने से बिहार में बिजली आपूर्ति भी प्रभावित हो सकती है.
जिसे लेकर एनटीपीसी में हड़कंप मचा हुआ है. एनटीपीसी के अनुसार कंपनी की पूर्वी क्षेत्र की 10 परियोजनाओं में करीब 200 कर्मचारी संक्रमित हैं. इन परियोजनाओं में 6 बिहार में हैं बाकी पश्चिम बंगाल और झारखंड में हैं. ऐसे में बिजली के मामले में हालात बिगड़ने के आसार जताये जाने लगे हैं.