सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नशे की हालत में सफर करने पर बिहार मद्यनिषेध कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है

By भाषा | Published: July 2, 2019 06:18 AM2019-07-02T06:18:39+5:302019-07-02T06:18:39+5:30

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की खंडपीठ ने कुछ लोगों की अपील पर फैसला करते हुए यह टिप्पणी की। ये लोग 25 जून, 2016 को शराब पीने के बाद पटना से झारखंड के गिरीडीह जा रहे थे।

Consuming Liquor In A Private Vehicle In A Place Accessible To Public Is Punishable Under Bihar Excise Act says SC | सुप्रीम कोर्ट ने कहा- नशे की हालत में सफर करने पर बिहार मद्यनिषेध कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती है

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उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि बिहार के मद्यनिषेध कानून में निजी वाहन को सार्वजनिक स्थल के रूप में परिभाषित किया गया है और यदि कोई व्यक्ति नशे की हालत में यात्रा कर रहा है तो पुलिस को उस पर कार्रवाई करने का हक है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की खंडपीठ ने कुछ लोगों की अपील पर फैसला करते हुए यह टिप्पणी की। ये लोग 25 जून, 2016 को शराब पीने के बाद पटना से झारखंड के गिरीडीह जा रहे थे।

बिहार के नवादा जिले में एक पुलिस चौकी पर उनका वाहन नियमित चेकिंग के तहत रोका गया और जांच में पाया गया कि ये नशे में थे। वैसे वाहन में शराब की कोई बोतल नहीं थी। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। वे दो दिन तक हिरासत में रहे। उन लोगों ने पटना उच्च न्यायालय के 16 फरवरी, 2018 के फैसले को चुनौती दी थी।

पटना उच्च न्यायालय ने मजिस्ट्रेट के आदेश को दरकिनार करने की मांग संबंधी उनकी अर्जी खारिज कर दी थी। मजिस्ट्रेट ने उनकी इस हरकत (शराब पीकर सफर करने को) बिहार आबकारी (संशोधन) अधिनियम, 2016 के तहत दंडनीय अपराध के रूप में संज्ञान लिया था। 

Web Title: Consuming Liquor In A Private Vehicle In A Place Accessible To Public Is Punishable Under Bihar Excise Act says SC

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