MP चुनावः कांग्रेस ने मांगा दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से समय, राज भवन ने ये दिया जवाब
By रामदीप मिश्रा | Published: December 12, 2018 12:14 AM2018-12-12T00:14:48+5:302018-12-12T05:51:25+5:30
कमलनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ मिलकर उनसे सरकार बनाने का आग्रह करना चाह रहे हैं।
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के जारी किए गए परिणामों में देर रात तक किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलते दिखाई नहीं दे रहा है। इस बीच कांग्रेस बहुमत के करीब पहुंच रही है, जबकि बीजेपी पिछड़ती जा रही है। वहीं, सूबे में सबसे बड़ी पार्टी उभरने के चलते कांग्रेस के प्रदेशा अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार बनाने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है।
उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह कांग्रेस के बड़े नेताओं के साथ मिलकर उनसे सरकार बनाने का आग्रह करना चाह रहे हैं। कमलनाथ ने अपने पत्र में कहा है कि कांग्रेस मध्यप्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है। इसके साथ ही उसे निर्दलियों का समर्थन भी प्राप्त है इसलिए उसे सरकार बनाने का प्रस्ताव दिया जाना चाहिए।
इसके अलावा उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि अगर इस पत्र का जवाब जल्द आता है तो महानता होगी। उनके इस पत्र के जवाब में राज भवन की ओर से कहा गया है कि चुनाव आयोग द्वारा स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही कोई प्रस्ताव को स्वीकार किया जाएगा।
Governor House: An appointment will be given only after the situation is made clear by the Election Commission. #MadhyaPradeshElections2018https://t.co/HSpUhYOcov
— ANI (@ANI) December 11, 2018
आपको बता दें, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों के लिए मतगणना मंगलवार (11 दिसंबर) सुबह आठ बजे से शुरू की गई। मध्य प्रदेश में कुल 230 सीटों के लिए मतगणना की गई।
बीते 28 नवंबर को प्रदेश में मतदान में कुल 75 फीसदी मतदान हुए थे। आज 2932 प्रत्याशियों के किस्मत का फैसला तय हो गया। यहां टक्कर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच थी। प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं। वह लगातार तीन विधानसभाओं से प्रदेश के मुखिया हैं। वे प्रदेश में करीब 13 सालों से नेतृत्व कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश में 2013 में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी। बीजेपी ने प्रदेश की 230 सीटों में 165 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था। जबकि कांग्रेस 58 सीटों पर सिमट गई थी।