Lok Sabha Election 2024: तेजस्वी यादव ने कहा- कांग्रेस अब भी सबसे बड़ा विपक्षी दल, नीतीश, लालू करेंगे सोनिया गांधी से मुलाकात
By रुस्तम राणा | Published: September 12, 2022 08:58 AM2022-09-12T08:58:38+5:302022-09-12T08:58:38+5:30
आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने रविवार को यह कहा है कि कांग्रेस अब भी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और अन्य दलों को इसकी प्रासंगिकता को व्यावाहारिक रूप से सोचना चाहिए।
पटना:लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से (उनके विदेश से लौटने के बाद) मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात से पहले आरजेडी नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने रविवार को यह कहा है कि कांग्रेस अब भी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है और अन्य दलों को इसकी प्रासंगिकता को व्यावाहारिक रूप से सोचना चाहिए।
अंग्रेजी अखबार, द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक साक्षात्कार में, यादव ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद विदेश से लौटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे, जो कि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों के बीच एकजुटता के प्रयासों का एक हिस्सा है।
आरजेडी नेता ने यहां विपक्ष को संदेश देते हुए स्पष्ट कहा कि विपक्षी नेताओं के लिए भाजपा को हराना एकमात्र "व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा" होनी चाहिए। उन्होंने कहा, "एक अच्छी शुरुआत की गई है। बिहार ने एक अच्छा खाका प्रदान किया है और इसे कहीं और दोहराया जाना चाहिए। नीतीश जी कई नेताओं से मिल चुके हैं, लालू जी भी बोल चुके हैं, मैं भी मिलता रहता हूं। सोनिया जी के वापस आने के बाद, नीतीश जी और लालू जी उनसे मिलेंगे और आगे के रास्ते पर चर्चा करेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले महीने पिछले महीने, नीतीश ने भाजपा के साथ जद (यू) के गठबंधन को समाप्त कर दिया, और बिहार में एक नई गठबंधन सरकार बनाने के लिए राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ हाथ मिलाया। इससे विपक्षी दलों में 'आशा' पैदा हुई है और एक मंथन शुरू हो गया है जिसे आने वाले दिनों में पूरे देश में महसूस किया जाएगा।
बिहार के डिप्टी सीएम ने कहा, "इससे निश्चित रूप से फर्क पड़ेगा। जद (यू) के जाने के बाद उनकी (भाजपा) ताकत पहले ही कम हो गई है। गणित के अनुसार, कांग्रेस, राजद, जद (यू), वाम दलों का संयुक्त वोट शेयर 50 प्रतिशत से अधिक है। बीजेपी बिहार की 40 में से 39 सीटें जीतने के अपने प्रदर्शन को नहीं दोहराने जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार के बदलाव ने भाजपा के मन में असुरक्षा की भावना को पैदा कर दिया है।