कांग्रेस की आंतरिक कलह से नेतृत्व परेशान, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली के नेता लामबंद, लगा रहे आरोप
By शीलेष शर्मा | Published: June 4, 2021 07:41 PM2021-06-04T19:41:43+5:302021-06-04T19:43:18+5:30
पंजाब में नवजोत सिंह सिद्दू बनाम कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर आपसी खींचतान थमी नहीं कि महाराष्ट्र से प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को लेकर सोनिया गाँधी के पास तमाम शिकायतें पहुँच रही हैं।
नई दिल्लीः कांग्रेस में तेज़ होती आंतरिक कलह को लेकर कांग्रेस आलाकमान पशोपेश में है कि आखिर कैसे इस अंतर कलह पर अंकुश लगाया जाए।
मोदी सरकार से दो-दो हाथ करने का दावा करने वाली कांग्रेस खुद अपने ही अपने आंतरिक झगड़ों में फस गयी है। पंजाब में नवजोत सिंह सिद्दू बनाम कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर आपसी खींचतान थमी नहीं कि महाराष्ट्र से प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को लेकर सोनिया गाँधी के पास तमाम शिकायतें पहुँच रही हैं।
सूत्रों की माने तो कांग्रेस आलाकमान का फिलहाल पटोले को हटाने का कोई इरादा नहीं है, बावजूद इसके कि अनेक मंत्रियों, विधायकों और दूसरे बड़े नेताओं ने पत्र लिख कर आरोप लगाया है कि पटोले मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं।
कोरोनाकाल में सेवा सत्याग्रह का जो कार्यक्रम पार्टी ने शुरू किया उसे लेकर भी पटोले उदासीन रहे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस की राज्य सरकार में भागीदारी होने के बावजूद राज्य में पार्टी का संगठन मजबूत नहीं हो पा रहा है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि पंजाब और महाराष्ट्र ही नहीं राजधानी दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को हटाने के लिए पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता लामबंद हो गए हैं।
इन नेताओं ने संकेत दिए है कि यदि अनिल चौधरी को नहीं हटाया गया तो पार्टी में विद्रोह की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। राजस्थान में भले ही राहुल, प्रियंका और सोनिया ने सचिन पायलट तथा अशोक गहलोत के बीच उठे विवाद को विराम लगा दिया हो, लेकिन अभी भी सचिन खेमे के विधायक शांत बैठे को तैयार नहीं हैं।
हाल ही में सचिन को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाये जाने का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन सचिन उसे स्वीकार करने से इंकार कर दिया, क्योंकि उनकी निगाह राजस्थान पर है। आंध्र प्रदेश में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड्डी को हटाने के लिए आंध्र के नेता सोनिया गांधी पर लगातार दवाब बना रहे हैं जबकि दूसरी ओर गुजरात में अमित चावड़ा के खिलाफ हार्दिक पटेल ने मोर्चा खोल दिया है।
पार्टी सूत्रों की माने तो हार्दिक पटेल ने नेतृत्व को साफ़ कहा यही कि यदि अमित चावड़ा को नहीं हटाया गया तो वे पार्टी से नाता तोड़ लेंगे। इसी तरह उत्तर प्रदेश में अजय कुमार लल्लू , हरियाणा में कुमारी सैलजा को हटाने के लिए मुहिम जारी है।
पार्टी नेतृत्व नहीं समझ पा रहा है कि इस आंतरिक कलह को कैसे शांत किया जाए क्योंकि हर राज्य में पार्टी की इकाई गुटबाज़ी का शिकार हो रही है। मध्य प्रदेश में कमलनाथ और कर्नाटक में डी के शिवकुमार को लेकर फिलहाल कोई विवाद नहीं है।