कांग्रेस ने केरल की मत्स्य पालन मंत्री की ईएमसीसी अधिकारियों के साथ मुलाकात की ‘‘तस्वीर’’ जारी की
By भाषा | Published: February 20, 2021 07:31 PM2021-02-20T19:31:33+5:302021-02-20T19:31:33+5:30
तिरुवनंतपुरम, 20 फरवरी केरल में विपक्षी कांग्रेस और वाम मोर्चा सरकार ने शनिवार को एक अमेरिकी कंपनी के साथ गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के कथित अनुबंध को लेकर एकदूसरे के खिलाफ बयानबाजी जारी रखी। वहीं राज्य की मत्स्य पालन मंत्री जे मर्सीकुट्टी अम्मा ने इन आरोपों को खारिज किया और यह बात दोहरायी कि इस तरह का कोई समझौता नहीं है।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता, रमेश चेन्निथला ने अपने हमले को और तीखा करते हुए राज्य की मत्स्य पालन मंत्री जे मर्सीकुट्टी अम्मा की एक तस्वीर जारी की जिसमें वह अमेरिकी कंपनी ईएमसीसी इंटरनेशनल के प्रतिनिधियों के साथ कथित तौर पर चर्चा करती दिख रही हैं।
मंत्री ने कहा कि चेन्नीथला अगले सप्ताह तटीय जिले कोल्लम में राहुल गांधी के संभावित दौरे से पहले आधारहीन आरोपों से मछुआरा समुदाय को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं।
चेन्निथला ने आरोप लगाया कि वह तस्वीर जिसमें मंत्री, ईएमसीसी इंटरनेशनल के अधिकारी और मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी देखे जा सकते हैं, सरकार और अमेरिकी कंपनी के बीच यहां हुई चर्चा के सबूत हैं।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि मंत्री और कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच न्यूयॉर्क में भी एक बैठक हुई थी, जिसकी तस्वीरें जल्द उपलब्ध होने की उम्मीद है।
उन्होंने विवादास्पद परियोजना पर मत्स्य पालन विभाग के प्रधान सचिव द्वारा भेजा गया कथित पत्र और कंपनी द्वारा मत्स्य पालन विभाग को दिया एक कथित अवधारणा नोट भी जारी किया और इसे ‘दस्तावेजी सबूत’ करार दिया।
मत्स्य पालन मंत्री ने हालांकि इसकी पुष्टि की कि ईएमसीसी इंटरनेशन के अधिकारी उनसे यहां मिले थे लेकिन साथ ही अपना पहले का यह रुख बरकरार रखा कि न्यूयार्क में ऐसी कोई बैठक नहीं हुई थी जैसा कि विपक्ष ने आरोप लगाया है।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि यदि कोई उनसे मिलने के लिए आता है तो क्या यह किसी अनुबंध के लिए होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य की मत्स्य नीति 2019 में सभी ट्रेड यूनियनों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा के बाद तैयार की गई थी। सरकार की नीति के अनुसार, किसी भी विदेशी कंपनी या भारतीय कॉर्पोरेट को गहरे समुद्र में ट्रॉलर से मछली पकड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि नीति में यहां तक कहा गया है कि मछली पकड़ने वाले जहाजों की संख्या को विनियमित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करते हुए कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।
ये तस्वीर गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की परियोजना को लेकर अमेरिकी ईएमसीसी इंटरनेशनल के साथ राज्य के स्वामित्व वाली केरल शिपिंग एंड इनलैंड नेविगेशन कॉर्पोरेशन (केएसआईएनसी) के समझौते में चेन्निथला द्वारा लगाये गए भ्रष्टाचार के आरोप को राज्य सरकार द्वारा खारिज किये जाने के एक दिन बाद सार्वजनिक की गई।
कांग्रेस नेता ने कंपनी के साथ समझौते में 5,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे और यह भी आरोप लगाया था कि कंपनी को गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की अनुमति दी गई है।
उन्होंने यह भी कहा था कि समझौते से केरल में मछुआरा समुदाय के हित प्रभावित होंगे।
हालांकि, मर्सीकुट्टी अम्मा ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि आरोपों में कोई दम नहीं है और चेन्निथला एक काल्पनिक समझौते की बात कर रहे हैं।
चेन्निथला ने शनिवार को यहां कहा, ‘‘अब यह साबित हो गया है कि मंत्री ने जो कुछ भी कहा था, वह झूठ था। कंपनी के अधिकारियों ने पहले ही मीडिया को इस बात की पुष्टि कर दी है कि उन्होंने इस संबंध में न्यूयॉर्क में भी उनके साथ चर्चा की थी। उस बैठक की तस्वीरें भी जल्द ही उपलब्ध होने की उम्मीद है।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि इस बात की पुष्टि के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि मर्सीकुट्टी अम्मा ने अमेरिकी कंपनी के साथ चर्चा की थी और उद्योग मंत्री ई पी जयराजन परियोजना के बारे में अच्छी तरह से अवगत थे। उन्होंने कहा कि वाम सरकार इसे आगे बढ़ाने के लिए उत्सुकता दिखाई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह मछुआरा समुदाय को धोखा देने का एक प्रयास है।
उन्होंने यह भी सवाल किया कि मुख्यमंत्री को कैसे इस तरह की विशाल परियोजना के बारे में जानकारी नहीं हो सकी, जब उनके नियंत्रण वाले केएसआईएनसी ने एक अमेरिकी कंपनी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
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