राफेल से जुड़े इन 9 सवालों को कांग्रेस ने उठाया, कहा- जेपीसी जांच पूरी होने तक 'चौकीदार चोर है'

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 15, 2019 09:23 AM2019-11-15T09:23:26+5:302019-11-15T09:23:26+5:30

कांग्रेस का कहना है सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच का रास्ता साफ कर दिया है। इस मामले में सरकार ने 9 सवालों के जवाब अब भी नहीं दिए हैं, जो उससे पूछे गए थे। अब इस सौदे की जांच करवानी चाहिए। 

Congress raised these 9 questions related to Rafale Deal | राफेल से जुड़े इन 9 सवालों को कांग्रेस ने उठाया, कहा- जेपीसी जांच पूरी होने तक 'चौकीदार चोर है'

राफेल से जुड़े इन 9 सवालों को कांग्रेस ने उठाया, कहा- जेपीसी जांच पूरी होने तक 'चौकीदार चोर है'

Highlightsभाजपा के हमले का जवाब देते हुए कांग्रेस ने सरकार को मामले की जांच कराने की चुनौती दे डाली है। कांग्रेस का कहना है सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच का रास्ता साफ कर दिया है।

राफेल केस में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है। भाजपा ने इसे अपनी जीत बताते हुए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। भाजपा के हमले का जवाब देते हुए कांग्रेस ने सरकार को मामले की जांच कराने की चुनौती दे डाली है। कांग्रेस के प्रवक्ताओं रणदीप सुरजेवाला और जयवीर शेरगिल ने बारी-बारी से बीजेपी पर हमला बोला। कांग्रेस ने कहा कि जबतक राफेल की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक 'चौकीदार चोर है'।

कांग्रेस का कहना है सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच का रास्ता साफ कर दिया है। इस मामले में सरकार ने 9 सवालों के जवाब अब भी नहीं दिए हैं, जो उससे पूछे गए थे। अब इस सौदे की जांच करवानी चाहिए। 

पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ''फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा अधिकार क्षेत्र और दायरा सीमित है. लेकिन, कोई भी जांच एजेंसी पूरे मामले की जांच कर सकती है. यह फैसला किसी भी जांच के रास्ते में कोई अड़चन नहीं है.'' उन्होंने कहा, ''सच्चाई यह है कि उन सवालों के जवाब सरकार ने नहीं दिए, जो कांग्रेस और राहुल गांधी पूछते रहे हैं।

अब सवाल उठता है कि आखिर वो 9 सवाल कौन से हैं जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने उठाया लेकिन जवाब अभी तक नहीं मिले हैंः-

- पहला सवाल यह कि भाजपा सरकार ने 30 हजार करोड़ रुपए के ऑफसेट कांट्रैक्ट से हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स लि. (एचएएल) को क्यों अलग कर दिया? 

- दूसरा यह कि यह ठेका 12 दिन पुरानी कंपनी को क्यों दे दिया गया? 

- तीसरा यह कि 526 करोड़ रुपए के राफेल विमान को 1680 करोड़ रुपए में खरीदकर देश को 41,205 करोड़ का चूना क्यों लगाया गया? 

- चौथा सवाल कि जब 126 विमानों की जरूरत थी, तो 36 विमान खरीदकर राष्ट्र की सुरक्षा से समझौता क्यों किया गया? 

- पांचवां सवाल कि रक्षा खरीद प्रक्रियाओं की अवहेलना करके प्रधानमंत्री ने सीधी खरीद क्यों की? 

- छठा सवाल कि भाजपा सरकार ने देश को ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी से वंचित क्यों किया? 

- सातवां सवाल कि जब आपात आपूर्ति का सौदा था तो विमानों की आपूर्ति 8 साल में क्यों की जा रही है? 

- आठवां सवाल यह कि नरेंद्र मोदी ने राफेल की बुनियादी कीमत में 40% बढ़ोत्तरी (5.2 अरब फ्रेंक से 8.2 अरब फ्रेंक) क्यों की?''

- नौवां सवाल यह कि कानून मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की डिफेंस विंग के एतराज के बावजूद संप्रभुता की गारंटी को मोदी जी ने दरकिनार क्यों किया?

सुरजेवाला ने कहा, ''इन नौ सवालों की जांच जेपीसी ही कर सकती है। भाजपा जीत का जश्न नहीं मनाए, बल्कि संजीदगी से जांच करवाए। भाजपा नेता और मंत्री देश को गुमराह कर रहे हैं। वे सबकी आंखों पर पर्दा डालने चाहते हैं।''

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीनचिट देते हुए कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं सुनवायी योग्य नहीं हैं। न्यायालय ने अपने 14 दिसंबर 2018 के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था।

Web Title: Congress raised these 9 questions related to Rafale Deal

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