पंजाब के बाद राजस्थान कांग्रेस में फेरबदलः अशोक गहलोत की जगह सचिन पायलट हो सकते हैं मुख्यमंत्री!
By शीलेष शर्मा | Published: September 27, 2021 05:38 PM2021-09-27T17:38:24+5:302021-09-27T20:19:52+5:30
गुजरात के निर्दलीय विधायक एवं प्रभावशाली दलित नेता जिग्नेश मेवानी 28 सितंबर कांग्रेस में शामिल होंगे। इस अवसर पर राहुल गांधी भी रहेंगे।
नई दिल्लीः कांग्रेस में असंतुष्ट नेताओं को दरकिनार कर राहुल गांधी नया प्रयोग कर रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार राहुल और प्रियंका गांधी ने राजस्थान कांग्रेस के आंतरिक विवाद को समाप्त करने के लिए पंजाब की तर्ज़ पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हटाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने का मन बना लिया है।
यह बात उस बातचीत में उभर कर सामने आई, जब पिछले दिनों राहुल और प्रियंका गांधी ने सचिन पायलट से मुलाक़ात कर आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री का पद उनको सोंपने का पार्टी ने सैद्धांतिक फ़ैसला कर लिया है, लेकिन इस पर अमल की कोई समय सीमा तय नहीं की है।
सूत्रों के अनुसार राहुल ने सचिन को मुलाक़ात के दौरान साफ़ किया कि इस प्रस्ताव पर फ़ैसला वह सही समय आने पर करेंगे, लेकिन उनका मुख्यमंत्री बनाया जाना तय है। उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव जैसे युवा नेताओं के कांग्रेस छोड़ देने के बाद राहुल ने युवक कांग्रेस की बैठक में सिंधिया के नाम का उल्लेख करते हुए साफ किया था कि जो पार्टी छोड़ कर जाना चाहते हैं, उनको जल्दी बाहर करो और नये चेहरों को पार्टी में शामिल करो।
गुजरात के दलित नेता और विधायक जिग्नेश मेवानी कल राहुल की मौजूदगी में पार्टी की सदस्य्ता ग्रहण करेंगे। बिहार के तेज तर्रार नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर न शामिल होने का दवाब बन रहा है। भाकपा ने कन्हैया कुमार पर कांग्रेस में शामिल न होने का दबाव बनाया है। भाकपा के वरिष्ठ नेता डी राजा कन्हैया कुमार को पार्टी में बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
जिग्नेश दलित मतदाताओं को गुजरात के बाहर जिसमें उत्तर प्रदेश,पंजाब और उत्तराखंड में लामबंद करने का काम करेंगे।गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी प्रमुख हार्दिक पटेल भी दिल्ली में इस कार्यक्रम में शरीक होंगे, जहां वह (मेवानी) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल होंगे। पंजाब प्रदेश कांग्रेस में चल रही उथल-पुथल अगले कुछ दिनों में पूरी तरह खत्म हो गई है।
बिहार से ताल्लुक रखने वाले कन्हैया जेएनयू में कथित तौर पर देशविरोधी नारेबाजी के मामले में गिरफ्तारी के बाद सुर्खियों में आए थे। वह पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के खिलाफ भाकपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े थे, हालांकि वह हार गए थे।