'मुझे उम्मीद है सचिन पायलट वापस आएंगे', शशि थरूर ने कहा- मैं उनकी सराहना करता हूं
By स्वाति सिंह | Published: August 10, 2020 09:24 PM2020-08-10T21:24:55+5:302020-08-10T21:27:46+5:30
सोमवार को राजस्थान विधानसभा के प्रस्तावित सत्र से कुछ दिनों पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की जिसके बाद राज्य में चल रही सियासी उथल-पुथल थमने की उम्मीद है।
नई दिल्ली:कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी को अपने भीतर प्रतिभाशाली प्रतिभाओं को रखने का पूरा अधिकार है। उन्होंने आगे कहा, 'मुझे उम्मीद है कि वह (सचिन पायलट) वापस आएंगे और अगर खबर की पुष्टि होती है, तो मैं उन लोगों के बीच खुशी से स्वागत करता हूं और उनकी सराहना करता हूं।'
बता दें कि सोमवार को राजस्थान विधानसभा के प्रस्तावित सत्र से कुछ दिनों पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की जिसके बाद राज्य में चल रही सियासी उथल-पुथल थमने की उम्मीद है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के आवास पर इस मुलाकात में करीब दो घंटे तक चर्चा हुई।
पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं के समक्ष विस्तार से अपना पक्ष रखा और फिर दोनों ने उनकी चिंताओं के निदान का भरोसा दिलाया। दूसरी तरफ, कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के समक्ष अपनी बात रखी है, हालांकि फिलहाल सुलह के किसी फार्मूले पर सहमति नहीं बनी है। सूत्रों का यह भी कहना है कि पिछले कई दिनों से चली आ रही सियासी उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से पायलट की मुलाकात ‘सकारात्मक संकेत’ है और अब मामला सुलझने की संभावना प्रबल हो गई है। यह मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है और अब राजस्थान में कांग्रेस के भीतर पिछले कुछ हफ्तों से चली आ रही उठापठक थमने की उम्मीद है।
वहीं, रविवार को थरूर ने कहा कि पार्टी के लक्ष्यहीन और दिशाहीन होने की लोगों में बढ़ती धारणा को खत्म करने के लिए इसे एक पूर्णकालिक अध्यक्ष ढूंढ़ने की प्रक्रिया अवश्य ही तेज करनी चाहिए। थरूर ने यह भी कहा कि उन्हें निश्चित रूप से से ऐसा लगता है कि पार्टी का एक बार फिर से नेतृत्व करने के लिए राहुल गांधी के पास ‘‘साहस, क्षमता और योग्यता’’ है, लेकिन यदि वह ऐसा नहीं करना चाहते हैं तो पार्टी को एक नया अध्यक्ष चुनने की दिशा में अवश्य ही आगे बढ़ना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी काफी मायने रखती है क्योंकि यह सोनिया गांधी के कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर 10 अगस्त को एक साल पूरा करने से ठीक पहले (पूर्व संध्या पर) आई है।