कांग्रेस ने कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की अनुमति देने की अनुशंसा का विरोध किया

By भाषा | Published: November 24, 2020 10:38 PM2020-11-24T22:38:45+5:302020-11-24T22:38:45+5:30

Congress opposes the recommendation to allow corporate houses to set up banks | कांग्रेस ने कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की अनुमति देने की अनुशंसा का विरोध किया

कांग्रेस ने कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की अनुमति देने की अनुशंसा का विरोध किया

नयी दिल्ली, 24 नवंबर कांग्रेस ने कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की अनुमति देने संबंधी अनुशंसा का विरोध करते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार तत्काल यह घोषणा करे कि इस प्रस्ताव पर अमल नहीं किया जाएगा।

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य द्वारा इस सिफारिश का विरोध किए जाने का स्वागत भी किया और कहा कि इस प्रस्ताव का विरोध करने के लिए सभी लोगों, राजनीतिक दलों एवं श्रमिक संगठनों को कांग्रेस के साथ खड़े होना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के द्वारा गठित एक आंतरिक कार्य समूह (आईडब्ल्यूजी) ने पिछले सप्ताह कई सुझाव दिए थे। इन सुझावों में यह सिफारिश भी शामिल है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम में आवश्यक संशोधन करके बड़े कॉरपोरेट घरानों को बैंक शुरू करने का लाइसेंस दिया जा सकता है।

राजन और आचार्य ने इस सिफारिश का विरोध करते हुए कहा है कि कॉरपोरेट घरानों को बैंक स्थापित करने की मंजूरी देने की सिफारिश आज के हालात में चौंकाने वाली है। दोनों का मानना है कि बैंकिंग क्षेत्र में कारोबारी घरानों की संलिप्तता के बारे में अभी आजमायी गयी सीमाओं पर टिके रहना अधिक महत्वपूर्ण है।

इस मामले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधा।

उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘क्रोनोलॉजी समझिए। पहले कुछ बड़ी कंपनियों के लिए कर्जमाफी की गई। फिर कंपनियों को कर में भारी छूट दी गई। अब इन कंपनियों द्वारा स्थापित बैंकों में जनता की बचत को सीधे पहुंचाया जाएगा।’’

चिदंबरम ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी कॉरपोरेट और कारोबारी घरानों को बैंकिंग क्षेत्र में प्रवेश देने और बैंक स्थापित करने की अनुमति दिए जाने के भाजपा सरकार के प्रस्ताव का रघुराम राजन और विरल आचार्य द्वारा विरोध किए जाने का स्वागत करती है और उनकी बात का समर्थन करती है।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘यह प्रस्ताव भले ही रिजर्व बैंक के आंतरिेक कार्य समूह की रिपोर्ट पर आधारित होने की बात की गई है, लेकिन इस पर मोदी सरकार की स्पष्ट छाप है। यह प्रस्ताव और कुछ दूसरे सुझाव बैंकिंग क्षेत्र को नियंत्रित करने की व्यापक योजना का हिस्सा हैं।’’

पूर्व वित्त मंत्री के अनुसार, अगर यह प्रस्ताव लागू हो जाता है तो कारोबारी घरानों की गिरफ्त से बैंकिंग क्षेत्र को बाहर रखने के लिए पिछले 50 साल में जो बड़ी प्रगति हुई है, उस पर पानी फिर जाएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी इस प्रस्ताव की निंदा करती है और सरकार से यह मांग करती है कि वह तत्काल इसकी घोषणा करे कि इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाने का उसका कोई इरादा नहीं है।’’

चिदंबरम ने यह भी कहा, ‘‘हम भारत की जनता, सभी राजनीतिक दलों और श्रमिक संगठनों से आह्वान करते हैं कि वे इस तरह के प्रस्ताव का विरोध करने के लिये साथ हमारे साथ आएं।’’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया कि अगर कॉरपोरेट जगत के लोगों को बैंक चलाने की इजाजत दी गई तो बैंकों में जमा 140 लाख करोड़ रुपये कुछ उद्योगपतियों के हाथ में चले जाएंगे जिससे आम लोगों, किसानों, मजदूरों और मध्य वर्ग के लोगों को बहुत नुकसान होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी और बैंकों को कुछ धन्नासेठों के कब्जे में जाने से रोकने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

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Web Title: Congress opposes the recommendation to allow corporate houses to set up banks

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