बड़ा दांव, राहुल गांधी नहीं अधीर रंजन चौधरी होंगे लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 18, 2019 05:31 PM2019-06-18T17:31:26+5:302019-06-18T17:31:26+5:30
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल को चिट्ठी लिखकर अधीर रंजन चौधरी के कांग्रेस संसदीय दल के नेता चुने जाने की जानकारी दी। लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के नाते अधीर रंजन चौधरी कई सरकारी कमेटियों और महत्वपूर्ण चयन समितियों में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
पश्चिम बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में पार्टी के नेता होंगे। अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल से पांच बार से सांसद हैं। कांग्रेस ने अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल का नया नेता नियुक्त किया है। के. सुरेश लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक होंगे।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल को चिट्ठी लिखकर अधीर रंजन चौधरी के कांग्रेस संसदीय दल के नेता चुने जाने की जानकारी दी। लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी का नेता होने के नाते अधीर रंजन चौधरी कई सरकारी कमेटियों और महत्वपूर्ण चयन समितियों में पार्टी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
Congress MP from West Bengal, Adhir Ranjan Chowdhury, will be the leader of Congress in the Lok Sabha. (File pic) pic.twitter.com/iaKhben9Co
— ANI (@ANI) June 18, 2019
पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने चौधरी के नाम को स्वीकृति प्रदान कर दी है। कांग्रेस को इस बार के लोकसभा चुनाव में सिर्फ 52 सीटें मिली हैं, जो नेता प्रतिपक्ष का दर्जा प्राप्त करने के लिए जरूरी संख्या से कम है। वह 1999 के बाद से एक बार भी चुनाव नहीं हारे हैं। वह फिलहाल मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चौधरी अतीत में पश्चिम बंगाल विधानसभा का सदस्य रहने के साथ पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
पश्चिम बंगाल में ममता और मोदी की प्रचंड लहर के दौरान भी उन्होंने अपनी सीट बचाए रखी। मंगलवार को जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में अगली कतार में उसी सीट पर बैठे नजर आए, जिस पर 16वीं लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नेता के तौर पर बैठा करते थे। मल्लिकार्जुन खड़गे इस बार चुनाव हार गए हैं।
अधीर रंजन चौधरी की छवि एक जुझारू नेता की रही है। सियासत में अबतक वे ममता बनर्जी को अपना प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंदी मानते हैं। ममता का विरोध करने की वजह से लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अधीर रंजन चौधरी को पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था। अधीर रंजन चौधरी दो बार विधायक भी रह चुके हैं, वे यूपीए सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं।
कांग्रेस में जोश फूकंने का अहम जिम्मा
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी पर अब कांग्रेस कैडर और नेतृत्व में जोश फूंकने की जिम्मेदारी है। इसके अलावा संसद में नरेंद्र मोदी सरकार को नीतियों और मुद्दों पर घेरकर उन्हें अपनी राजनीतिक कौशल साबित करना होगा। कुछ ही महीनों में देश के पांच राज्यों झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में विधानसभा चुनाव है, कांग्रेस के संसदीय दल का नेता होने के नाते उन्हें इन राज्यों में पार्टी नेतृत्व में जोश का संचार करना होगा।