NDA से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा से मिले कांग्रेस नेता अहमद पटेल, अटकलों का दौर हुआ शुरू

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 16, 2018 12:06 AM2018-12-16T00:06:44+5:302018-12-16T00:06:44+5:30

कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने हाल ही में एनडीए से खुद को अलग कर चुके राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से एक मुलाकात की है।

congress mp ahmed patel meets rashtriya lok samata party chief upendra kushwaha in delhi | NDA से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा से मिले कांग्रेस नेता अहमद पटेल, अटकलों का दौर हुआ शुरू

NDA से अलग हुए उपेंद्र कुशवाहा से मिले कांग्रेस नेता अहमद पटेल, अटकलों का दौर हुआ शुरू

कांग्रेस सांसद अहमद पटेल ने हाल ही में एनडीए से खुद को अलग कर चुके राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा से एक मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात शनिवाक को दिल्ली में हुई है।

इस एक मुलाकात के बाद से राजनीति के गलियारों में कयासों का दौर भी जमकर शुरू हो गया है। अब अटकलें इस बात की लगने लगी हैं कि उपेंद्र कुशवाहा कांग्रेस का अब दामन थाम सकते हैं। सोशल मीडिया पर इस मुलाकात के बाद कुशवाहा के कांग्रेस से हाथ मिलाने की चर्चा गर्म हो चली है।

दोनों की बैठक की एक फोटो भी सामने आई है। वहीं, दूसरी तरफ अभी तक ये भी साफ नहीं हो पाया है कि आखिर अहमद कुशवाहा से क्यों मिले थे। कहा जा रहा है अगर कुशवाला कांग्रेस का दामन थामते हैं तो वह इसको लेकर जल्द ऐलान करेंगे। बीजेपी से नाता तोड़ चुके कुशवाहा ने दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह कैबिनेट का रबड़ स्टाम्प के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं।

वहीं, सीटों के तालमेल में बात नही मानने के कारण केन्द्र में मंत्री पद और फिर राजग से नाता तोडने का ऐलान करने के बाद अब रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अपने हीं दल में अलग-थलग पड गये हैं।  आखिरकार उपेन्द्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी में टूट हो गई।  दोनों विधायक और एक मात्र विधान पार्षद ने एनडीए में जाने का एलान कर दिया है।  

आज पटना में एक प्रेस कान्फ्रेंस कर दोनों विधायक सुधांशु शेखर और ललन पासवान और विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह इस बात की घोषणा की और कहा कि असली रालोसपा वही हैं।  विधायकों ने साथ ही पार्टी पर भी अपना दावा ठोका है।  उन्होंने कुशवाहा पर स्वार्थ की राजनीति का आरोप लगाया है।  

विधान पार्षद संजीव श्याम सिंह ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा व्यक्तिगत राजनीति में दिलचस्पी रखते हैं।  बागी विधायकों ने पार्टी सिंबल के साथ-साथ दफ्तर पर भी दावा ठोका है।  उन्होंने कहा कि जरूरत पडी तो निर्वाचन आयोग का भी दरवाजा खटखटायेंगे।  उन्होंने कहा कि असली रालोसपा हमलोग हैं।  

विधानमंडल में पार्टी के तीन ही सदस्य हैं।  हम तीनों साथ हैं और एनडीए में हैं।  उपेंद्र कुशवाहा व्यक्तिवादी राजनीति करते हैं।  उन्होंने एनडीए के बिहार नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि रालोसपा को एनडीए में कोई हिस्सेदारी नहीं मिली है।  बिहार में एनडीए का नेतृत्व इस पर ध्यान दे।  श्याम सिंह ने कहा कि रामविलास पासवान कि पार्टी लोजपा को एनडीए में हिस्सेदारी मिली है।  हमें उपेक्षित किया गया।  

यहां उल्लेखनीय है कि उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार पर पार्टी तोडने का आरोप लगा चुके हैं।  अब रालोसपा के विधायकों ने ही कुशवाहा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।  रालोसपा के दोनों विधायकों ने पहले भी एनडीए में ही बने रहने के संकेत दिए थे।  

वे 27 नवंबर को भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में शामिल भी हुए थे।  इससे पहले 10 नवंबर को इन्ही दोनों विधायकों ने जदयू में जाने का संकेत दिया था।  हालांकि एकमात्र सांसद रामकुमार शर्मा ने फिलहाल कुशवाहा के साथ रहने का संकेत दिया है, लेकिन एक दिसंबर को रालोसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा ने भी कहा था कि कुशवाहा को एनडीए ने बहुत इज्जत दी है और उन्हें एनडीए में ही रहना चाहिए।  

यहां बता दें कि 06 दिसंबर को मोतिहारी के खुले अधिवेशन में जिस तरह से उनकी पार्टी के सांसद रामकुमार शर्मा, दोनों विधायक, सुधांशु शेखर और ललन पासवान और रालोसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भगवान सिंह कुशवाहा की गैरमौजदूगी रही उस वक्त से ही ये टूट अवश्यंभावी लग रही थी। 

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