कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला का दावा- यूपी और मध्य प्रदेश में किसानों को होगा 21 हजार करोड़ का नुकसान
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 15, 2020 06:49 PM2020-05-15T18:49:35+5:302020-05-15T18:52:43+5:30
यूपी और मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से ख़बर आ रही हैं कि गेंहू 1400 रुपये से1600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है,केवल इसी से किसान को 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
कोरोना महामारी के बीच एक तरफ जहां केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज (15 मई) किसानों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की तो दूसरी तरफ कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने दावा किया है कि गेहूं की खरीद को लेकर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में किसानों को 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने वाला है।
उन्होंने कहा कि यूपी, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से ख़बर आ रही हैं कि गेंहू 1400 रुपये से1600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है,केवल इसी से किसान को 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि अगर रबी की अन्य प्रमुख फसलें भी लगा लें, तो उन फसलों में 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान और होगा।
यूपी,मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से ख़बर आ रही हैं कि गेंहू 1400 रुपये से1600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है,केवल इसी से किसान को 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होगा,अगर रबी की अन्य प्रमुख फसलें भी लगा लें,तो उन फसलों में 21 हजार करोड़ रुपये का नुकसान और होगा :रणदीप सिंह सुरजेवाला pic.twitter.com/kHlVHIUzqD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 15, 2020
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार (15 मई) को आत्मनिर्भर भारत पैकेज तहत खेती-किसानी से जुड़े क्षेत्र को 1,63, 343 करोड़ देने का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज तहत 11 उपायों की घोषणा की, इनमें से 8 बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता और बेहतर लॉजिस्टिक के निर्माण से संबंधित हैं, जबकि बाकी 3 शासन और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित हैं। इसके अलावा वित्त मंत्री ने आवश्यक वस्तु अधिनियम (1955) के नियमों में संशोधन करने की जानकारी दी।
पढ़ें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के घोषणा की 10 बड़ी बातें
1. शीत भंडारण संयंत्रों, यार्ड जैसी बुनियादी संरचनाओं के निर्माण के लिये एक लाख करोड़ रुपये का कृषि बुनियादी संरचना कोष बनाने की घोषणा की
2. सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों को औपचारिक बनाने के लिये 10 हजार करोड़ रुपये की योजना की घोषणा की है इससे करीब दो लाख सूक्ष्म खाद्य इकाईयों को लाभ मिलेगा
3. मत्स्यपालन, मछली उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये जरूरत ढांचागत सुविधाओं खड़ी करने के वास्ते 20 हजार करोड़ रुपये की घोषणा
4. 53 करोड़ पशुओं को खुरपका-मुंहपका रोग से बचाने के लिये 100 प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने को लेकर 13,343 करोड़ रुपये के कोष की शुरुआत होगी
5. डेयरी प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिये 15 हजार करोड़ रुपये का पशुपालन बुनियादी संरचना विकास कोष बनाने की घोषणा की
6. औषधीय खेती को बढ़ावा देने, अगले दो साल में 10 लाख हेक्टेयर के रकबे को औषधीय खेती के दायरे में लाने के लिये चार हजार करोड़ रुपये की घोषणा की
7. मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन, ग्रामीण क्षेत्रों के दो लाख मधुमक्खी पालकों को होगा लाभ
8. सभी फलों और सब्जियों तक ऑपरेशन हरित के विस्तार के लिए 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोष। परिवहन, भंडारण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी
9. सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन करेगी; अनाज, खाद्य तेलों, तिलहनों, दालों, आलू और प्याज को इस कानून के दायरे से नियमन मुक्त किया जायेगा। कृषि विपणन क्षेत्र में सुधार से किसानों को विपणन का विकल्प मिलेगा।
10. आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के बाद प्रसंस्करण करने वालों और मूल्य श्रृंखला के अन्य भागीदारों पर भंडारण सीमा लागू नहीं होगी। राष्ट्रीय आपदा, भुखमरी जैसी आपात स्थितियों में ही भंडारण सीमा रहेगी।