अनुच्छेद 370 पर बुरे फंसे कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम, केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर, नकवी और रविशंकर ने किया हमला
By भाषा | Published: August 12, 2019 05:50 PM2019-08-12T17:50:23+5:302019-08-12T17:50:23+5:30
जावड़ेकर ने कहा, "अब ऐसे तर्कों का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस हमें बताए कि वह अपने 70 साल के राज के दौरान जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक वर्ग को शिक्षण संस्थान चलाने के अधिकार और सफाई कर्मचारियों को न्याय क्यों नहीं दिलवा सकी थी?
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के विवादास्पद बयान को केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को बेमानी करार दिया।
इसके साथ ही पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि लम्बे समय तक देश की सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने इस सरहदी सूबे के अल्पसंख्यक वर्ग समेत समाज के विभिन्न वंचित तबकों को उनके जायज अधिकार देने के मामले में अन्याय किया था।
अनुच्छेद 370 पर चिदंबरम का बयान बेमानी: जावड़ेकर
चिदंबरम ने अनुच्छेद 370 पर केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यदि जम्मू-कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता, तो भाजपा नीत सरकार इस सरहदी सूबे से विशेष दर्जा नहीं छीनती। इस बयान को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर जावड़ेकर ने कहा, "अब ऐसे तर्कों का कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस हमें बताए कि वह अपने 70 साल के राज के दौरान जम्मू-कश्मीर में अल्पसंख्यक वर्ग को शिक्षण संस्थान चलाने के अधिकार और सफाई कर्मचारियों को न्याय क्यों नहीं दिलवा सकी थी?
पूर्ववर्ती कांग्रेस राज के दौरान जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने के कारण वहां समाज के विभिन्न वंचित वर्गों को न्याय नहीं मिल पाता था। लेकिन इस अनुच्छेद के अधिकांश प्रावधान हटाने के बाद हम इन वर्गों को न्याय प्रदान कर रहे हैं।"
उन्होंने लगातार सवाल दागते हुए कहा, "कांग्रेस हमें इस सवाल का जवाब भी दे कि वह अपने राज के दौरान जम्मू-कश्मीर में शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून और अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण की व्यवस्था लागू क्यों नहीं करा सकी थी? देश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारें इस राज्य में अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निरोधक कानून लागू क्यों नहीं करा सकी थीं?
वहां आदिवासियों को वन अधिकार और व्हिसलब्लोअरों को सुरक्षा प्रदान क्यों नहीं की गयी थी?" सूचना और प्रसारण मंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा, "मेरे पिताजी एक मीडिया संस्थान में उप संपादक थे और आपातकाल के दौरान प्रेस की आजादी के लिए मैंने अपनी युवावस्था के 16 महीने जेल में बिताए हैं। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हमारे राज में मीडिया की आजादी बरकरार रहेगी।"
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान द्वारा देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को "‘अपराधी"’ कहे जाने को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर जावड़ेकर ने जवाब दिया, "मैंने शिवराज का कथित बयान सुना नहीं है। वैसे भी मेरे द्वारा किसी टिप्पणी की जरूरत नहीं है, क्योंकि वह इस मामले में खुद स्पष्टीकरण दे चुके हैं।"
भाजपा ने चिदंबरम के बयान को भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बताया
भाजपा ने कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम के अनुच्छेद-370 से संबंधित बयान को भड़काऊ और गैरजिम्मेदाराना बताया और जोर दिया कि अनुच्छेद-370 को हटाया जाना जम्मू-कश्मीर और देश हित में है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चिदम्बरम के जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा संबंधी अनुच्छेद-370 को समाप्त करने का विरोध करने और बयान देने को लेकर उन पर निशाना साधा।
प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस नेता कौन सी बात कर रहे हैं ? उनका बयान भड़काऊ है और उनसे इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा कि उनके :चिदंबरम: बयान की निंदा करते है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अनुच्छेद-370 को हटाया जाना जम्मू कश्मीर के हित में है और देश हित में है। उन्होंने पूछा कि क्या ये सच्चाई नही की राज्य में दशकों तक चली हिंसा में लगभग 42 हजार निर्दोष लोग मारे गए जिसमें ज्यादातर हिन्दू थे।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्री मंत्री और कांग्रेस पार्टी के नेता पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को हिंदू-मुसलमान से जोड़ कर कहा कि जम्मू-कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता तो भाजपा इस राज्य का विशेष दर्जा नहीं छीनती।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हमारी सरकार ने दशकों पहले की गई गलती को सुधारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि चिदंबरम ने जो कहा है, वह इस विषय को साम्प्रदायिक रंग देने का प्रयास है।
वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने चिदंबरम के बयान पर कहा, ''यह कांग्रेस की छोटी मानसिकता का परिचायक है कि वह इस मुद्दे को हिंदू-मुस्लिम के नजरिए से देख रही है।''