कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई का ट्वीट- ‘पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और अब जितिन प्रसाद, जन नेताओं को खो रहे हैं...
By भाषा | Published: June 9, 2021 02:55 PM2021-06-09T14:55:54+5:302021-06-09T15:03:22+5:30
जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।
नई दिल्लीः कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका करार देते हुए बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी को राज्यों में जीत हासिल करने के लिए जन नेताओं की पहचान कर उन्हें मजबूती प्रदान करनी चाहिए।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बिश्नोई ने ट्वीट किया, ‘‘पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ... और अब जितिन प्रसाद ...। कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका है क्योंकि हम उन नेताओं को खो रहे हैं जिन्होंने पार्टी को दिया और आगे भी दे सकते थे।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘इससे मैं सहमत हूं कि उन्हें कांग्रेस को, खासकर इस मुश्किल समय में नहीं छोड़ना चाहिए था। परंतु कांग्रेस को जन नेताओं की पहचान करके उन्हें मजबूत करना चाहिए ताकि राज्यों में फिर से जीत हासिल की जा सके।’’
First @JM_Scindia now @JitinPrasada - huge blows for @incindia as we lose leaders who gave & still had much to give to the Party. Agreed, they shouldn’t have abandoned INC esp during troubled waters. But Congress needs to identify & empower mass leaders to win back states.
— Kuldeep Bishnoi (@bishnoikuldeep) June 9, 2021
गौरतलब है कि जितिन प्रसाद ने बुधवार को भाजपा का दामन थाम लिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद अनिल बलूनी की मौजूदगी में प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले जितिन प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हाथ आजमाया लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।