कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल, बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले-वह मेरे छोटे भाई, फैसले से खुश हूं
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 9, 2021 03:29 PM2021-06-09T15:29:15+5:302021-06-09T15:33:49+5:30
कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद के भाजपा में शामिल होने को कांग्रेस के लिए बड़ा झटका करार देते हुए बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी को राज्यों में जीत हासिल करने के लिए जन नेताओं की पहचान कर उन्हें मजबूती प्रदान करनी चाहिए।
नई दिल्लीः पूर्व केंद्रीय मंत्री और युवा कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने भाजपा का दामन थाम लिया। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए इसे एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।
जितिन प्रसाद पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुझे खुशी है कि वह भाजपा में शामिल हो गए। मेरे छोटे भाई समान है। मैं निजी तौर पर काफी खुश हूं. उनके आने से भाजपा को उत्तर प्रदेश में फायदा मिलेगा।
राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर सिंधिया ने कहा कि सचिन से मेरा निजी रिश्ता है। वह भाजपा में कब शामिल होंगे मुझे कुछ नहीं कहना। मैं पायलट का सम्मान करता हूं। जो भी फैसला करेंगे सोच-समझ के करेंगे।जितिन प्रसाद कांग्रेस के बड़े ब्राहम्ण चेहरों में से एक हैं।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा के वृहद परिवार में शामिल होने पर श्री जितिन प्रसाद जी का स्वागत है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 9, 2021
श्री जितिन प्रसाद जी के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से उत्तर प्रदेश में पार्टी को अवश्य मजबूती मिलेगी।
जितिन प्रसाद बीते कई दिनों से पार्टी हाईकमान से नाराज थे। वह कांग्रेस में तवज्जो न मिलने और यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं से अपनी नाराजगी जाहिर भी कर चुके थे। जितिन प्रसाद की शिकायत को पार्टी हाईकमान ने नजरअंदाज किया। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी तथा पीवी नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में मंत्री रहे स्वर्गीय कुंवर जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद भी सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की
भाजपा में शामिल होने से पहले प्रसाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। ज्ञात हो कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।
पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था। जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं।
2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की
जितिन ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की।
इसके बाद उन्होंने संप्रग सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बड़े ब्राह्मण चेहरे के रूप में अपनी पहचान स्थापित करने वाले जितिन प्रसाद को 2014 के लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में तिलहर सीट से हाथ आजमाया लेकिन इसमें भी उन्हें निराशा ही मिली। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी धौरहरा से उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।