प्रियंका को मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से उतारने पर कांग्रेस गंभीर, पर्दे के पीछे बन रही ये योजना!
By शीलेष शर्मा | Published: April 15, 2019 05:27 AM2019-04-15T05:27:16+5:302019-04-15T05:27:16+5:30
वाराणसी में चुनाव अंतिम चरण में है और नामांकन दाख़िल करने के बाद ऐसी कोई सीट नहीं होगी जहाँ से मोदी नामांकन भर सकें। विपक्षी दल नरेंद्र मोदी को घेरने की पूरी योजना बना रहे हैं।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी को वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव मैदान में उतारे जाने को लेकर कांग्रेस गंभीर मंथन कर रहा है. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव से इस मसले पर चर्चा भी की है कि प्रियंका को वाराणसी में विपक्ष के साझा उम्मीदवार के रूप में उतारा जाये ताकि मोदी को बनारस में ही बांधा जा सके।
हालांकि कांग्रेस ने प्रियंका के वाराणसी से चुनाव न लड़ाने की स्थिति में वैकल्पिक नामों को भी चिन्हित किया है. यह वह नाम हैं जो मोदी को कड़ी टक्कर देने की हैसियत रखते हैं. इन नामों में कुछ नाम फ़िल्म जगत से भी जुड़े हुये है। कांग्रेस अभी किसी नाम का खुलासा नहीं करना चाहती क्योंकि उसकी योजना है कि वाराणसी में नामांकन दाख़िल करने की अंतिम तिथि को ही नाम घोषित किया जाये जिससे मोदी किसी अन्य सीट से अपना नामंकन दाख़िल न करने पायें।
गौरतलब है कि वाराणसी में चुनाव अंतिम चरण में है और नामांकन दाख़िल करने के बाद ऐसी कोई सीट नहीं होगी जहाँ से मोदी नामांकन भर सकें। सातवें चरण में जिन सीटों पर उत्तर प्रदेश में चुनाव होना है उनमें वाराणसी के अलावा बलिया, बाँसगाँव, महराजगंज, गोरखपुर, खुशी नगर, देवरिया, घोसी, चंदौली, मिर्ज़ापुर, रॉबर्ट्सगंज, सलेमपुर और गाज़ीपुर की सीटें शामिल हैं।
प्रियंका को वाराणसी से उम्मीदवार बनाने को लेकर कांग्रेस कितनी गंभीर है इसका आंकलन इस बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस चार अलग टीमें वाराणसी भेज कर गोपनीय सर्वेक्षण करा रही है कि इस सीट पर जातीय समीकरण देखते हुये विभिन्न वर्गों की क्या राय है. कितने फ़ीसदी लोग मोदी को पुनः चुनना चाहते हैं. मोदी सरकार के पांच साल के कामकाज़ पर लोग क्या सोच रहे हैं। इसके साथ साथ यह भी आंकलन किया जा रहा है कि राहुल की न्याय योजना जिसके तहत 72000 रुपये सालाना दिये जाने हैं को लोग गांव और शहर में कितना पसंद कर
रहे हैं और कांग्रेस को उसका चुनाव में कितना लाभ मिल सकता है।
सूत्रों ने बताया कि इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट आने के बाद ही कांग्रेस निर्णय करेगी कि प्रियंका को मोदी के ख़िलाफ़ उतारा जाये अथवा नहीं। वाराणसी संसदीय क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र हैं जिसमें रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, सेवापुरी और बनारस कैंट शामिल है। 2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा को रोहनिया में 51.77 फ़ीसदी, सपा को 26 .91 फ़ीसदी, बसपा को 13.18 फ़ीसदी, तथा निर्दलीय को 4.12 फ़ीसदी मत मिले।
इसी क्रम में वाराणसी उत्तर में 51.20 फ़ीसदी भाजपा, कांग्रेस 31.12 फ़ीसदी, बसपा 14.38 फ़ीसदी. वाराणसी दक्षिण में भाजपा को 51.89 फ़ीसदी, कांग्रेस 42.23 फ़ीसदी, बसपा 3.32 फ़ीसदी। सेवापुरी में अपना दल 50.48 फ़ीसदी, सपा 26.47 फ़ीसदी, बसपा 17.40 फ़ीसदी तथा बनारस कैंट से भाजपा को 58.46 फ़ीसदी, कांग्रेस को 31.42 फ़ीसदी बसपा को 6. 22 फ़ीसदी मत प्राप्त हुये।
उस समय कांग्रेस और सपा का गठबंधन था। 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर थी तब मोदी ने कुल मतदाताओं का 56.36 फ़ीसदी हांसिल किये जबकि कांग्रेस ने 7.33 फ़ीसदी, बसपा ने 5. 87 फ़ीसदी और आम आदमी पार्टी ने 20.29 फ़ीसदी मत प्राप्त किये। कांग्रेस मान रही है कि 2019 में मोदी की 2014 वाली लहर नहीं है। विपक्ष एकजुट हुआ है और कांग्रेस ने अपनी ज़मीन पहले से बेहतर की है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोनिया गाँधी मायावती के संपर्क में हैं ताकि उनको प्रियंका के समर्थन में प्रचार के लिये मनाया जा सके।
चूँकि वाराणसी गठबंधन में सपा के खाते की सीट है अतः यह सपा को तय करना है कि वह प्रियंका के लिये वाराणसी सीट छोड़ने की घोषणा करें। सूत्रों का दावा था कि सपा ने इसके लिये अपनी हाँ पहले ही कह दी है। सपा को इस बात का पूरा एहसास है कि कांग्रेस ने प्रत्येक वह सीट सपा के लिए छोड़ दी है जहाँ से मुलायम के परिवार का सदस्य चुनाव लड़ रहा है।