बिहार: लोजपा के बाद अब कांग्रेस विधायक छोड़ सकते हैं पार्टी का साथ! जदयू के संपर्क में कांग्रेस के कई विधायक
By एस पी सिन्हा | Published: June 15, 2021 09:55 PM2021-06-15T21:55:26+5:302021-06-15T21:55:26+5:30
बिहार में कंग्रेस विधायकों पर जदयू की निगाहें टिकी है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता ने कहा- कांग्रेस के कई विधायक हैं जदयू के संपर्क में हैं।
लोजपा में हुई बड़ी टूट के बाद दिल्ली से पटना लौटे जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने अब कहा है कि कांग्रेस के कई विधायक पार्टी के संपर्क में हैं। हालांकि उन्होंने इस बात से इन्कार किया कि लोजपा के अंदर हुई टूट में जदयू की कोई भूमिका थी। उन्होंने कहा कि लोजपा का यह पारिवारिक विवाद था। यह विवाद काफी आगे बढ गया था, जिसके कारण चिराग और अन्य लोगों के बीच दूरियां बढ गईं थीं और पार्टी आज इस मुकाम पर पहुंच गई।
संजय सिंह ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही पार्टी के अंदर कुछ ठीक नहीं चल रहा था, क्योंकि विधानसभा चुनाव में भी लोजपा एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हो पाई थी। इधर, लोजपा में हुई टूट के बाद से कांग्रेस में टूट के कयास लगाये जा रहे है। हालांकि, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा इसका खंडन किया है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस के 19 में से 10 विधायकों ने पार्टी बदलने का मन बना लिया है।
दलबदल कानून के प्रावधानों के तहत विधायकों के टूटने के लिए 13 की संख्या होना अनिवार्य है। इसको लेकर अब 'ऑपरेशन कांग्रेस' चलाया जा रहा है। ऐसे में चिराग पासवान और उनकी पार्टी का जो हाल हुआ उसे देखते हुए अब कांग्रेस नेतृत्व भी अलर्ट मोड में आ गया है। उसने अपने सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए पार्टी के प्रमुख विधायकों को जिम्मेदारी दे दी है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के तीन से चार विधायकों का एक एक ग्रुप बनाया गया है। हर ग्रुप की जिम्मेदारी किसी एक विधायक को दी गई है। यह विधायक लगातार दूसरे विधायकों के संपर्क में बने हुए हैं।
प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व के कोई जोखिम लेने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। वहीं, चर्चा यह भी है कि कांग्रेस छोडकर जदयू में जाने वाले बिहार सरकार के एक मंत्री इस ऑपरेशन में लगे हुए हैं। उनकी पकड कांग्रेस के अंदर आज भी अच्छी खासी है, लिहाजा वह अपने संपर्कों का इस्तेमाल कर हाथ को कमजोर करने में जुटे हुए हैं। ऑपरेशन में 3 और विधायकों को जोडने की कवायद चल रही है।
ऐसे में कहा जा रहा है कि बिहार में कांग्रेस के 19 में से कम से कम 13 विधायक अगर पार्टी छोडने को तैयार हो जाएं तो जदयू एक झटके में इस ऑपरेशन को सफल बना देगा। इसके लिए जदयू की तरफ से पूरी तैयारी रखी गई है। अल्पसंख्यक तबके से आने वाले कांग्रेस के 3 विधायकों पर जदयू की नजर है। इसके अलावे अन्य विधायक जो जदयू नेताओं के बेहद करीबी हैं, उन्हें भी साधने की कोशिश की जा रही है।
लेकिन आंकडा पूरा नहीं होने के कारण यह ऑपरेशन अभी सफल नही हो पा रहा है। वैसे, कांग्रेस के अंदर एकबार फिर टूट की आशंका को लेकर खबर पहली बार नहीं आई है। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद भी कांग्रेस के विधायकों में टूट की खबरों को लेकर चर्चा चली थी। लेकिन पार्टी के सभी विधायक एकजुट रहे। इसबीच, बिहार के प्रभारी भक्त चरण दास ने पूरी स्थिति को लेकर वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की है। कुछ वरिष्ठ नेताओं ने यह भी सलाह दी है कि विधायकों को पटना बुला लिया जाए, जो अपने-पने ईलाके में घूम रहे हैं। सूत्रों की मानें तो कुछ नेताओं ने आलाकमान को सलाह दी है कि सभी विधायकों को कहीं एक साथ घूमने फिरने के लिए ले जाया जाए।
उधर, कांग्रेस के विधायकों के टूटने की चर्चा का खंडन करते हुए दल के नेताओं ने इसे काल्पनिक और प्लांट स्टोरी करार दिया है। कांग्रेस नेता व विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी पर हमला करते हुए उन्हें कांग्रेस का भगोड़ा करार दिया। उन्होंने कहा कि वो ही इस काम मे लगे हुए हैं। यहां बता दें कि बिहार में इस समय कांग्रेस के कुल 19 विधायक हैं और टूटने के लिए दो तिहाई विधायकों का होना जरूरी है। इसके बाद वे किसी भी दल में जा सकते हैं। ऐसे में अब 'ऑपरेशन कांग्रेस’ की चर्चा जोरों पर है।