COVID-19: सोनिया गांधी ने जताई निर्माण क्षेत्र के कामगारों की फिक्र, पीएम मोदी को पत्र लिखकर किया मदद का आग्रह
By मनाली रस्तोगी | Published: March 24, 2020 01:02 PM2020-03-24T13:02:11+5:302020-03-24T13:02:11+5:30
सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मंगलवार को पीएम मोदी (PM Modi) से आग्रह किया कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के संकट को ध्यान में रखते हुए वह निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए आपात कदम उठाएं और उन्हें कुछ निश्चित राशि की मदद भी दी जाए।
कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने मंगलवार (24 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister) को कोरोना वायरस (Coronavirus) को लेकर एक पत्र लिखा है। इस पत्र के जरिए सोनिया गांधी ने पीएम मोदी से निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले कामगारों के लिए आपात कदम उठाने के लिए आग्रह किया है। इसके अलावा सोनिया ने प्रधानमंत्री से ये भी आग्रह किया है कि कामगारों को कुछ निश्चित राशि मदद के रूप में दी जाए।
सोनिया ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी प्राप्त हुई है कि 31 मार्च, 2019 तक निर्माण क्षेत्र के कामगारों के कल्याण के लिए बने राज्य बोर्डों ने उपकर के माध्यम से 49,688 करोड़ रुपए की धनराशि का संग्रह किया था, जबकि इसमें से सिर्फ 19,380 करोड़ रुपए अभी तक खर्च किए गए हैं। ऐसे में उन्होंने अपने पत्र में पीएम मोदी से आग्रह किया है, 'मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि राज्य कल्याण एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्डों को सलाह दें कि वे आपातकालीन कल्याण उपायों, निर्माण श्रमिकों को विशेष रूप से मजदूरी सहायता प्रदान करें।'
Congress Interim President Sonia Gandhi writes to PM Modi on COVID-19. The letter states, "I request you to consider advising the State Building&Other Construction Worker's Welfare Boards to roll out emergency welfare measures, particularity wage support to construction workers." pic.twitter.com/CdE1d4NXCz
— ANI (@ANI) March 24, 2020
अपनी बात को जारी रखते हुए सोनिया गांधी ने अपने पत्र के जरिए ये भी कहा, 'हम एक महामारी का सामना कर रहे हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदमों की जरूरत है। इन कदमों से आर्थिक गतिविधियां व्यापक रूप से बाधित हुई हैं, जिसका असंगठित क्षेत्र पर काफी बुरा असर पड़ा है। लाखों प्रवासी कामगार बड़े शहरों से अपने कस्बों और गांवों के लिए निकल गए हैं। अब निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले 4.4 करोड़ से अधिक कामगारों का भविष्य अधर में पड़ गया है। शहरों के बंद करने के कड़े कदमों से बहुत सारे कामगारों के सामने जीविका का संकट भी पैदा हो गया है।'
वहीं, सोनिया ने अपने पत्र में कनाडा का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि कोविड-19 (COVID-19) के संकट के बीच कनाडा सहित तमाम देशों ने अपनी-अपनी आर्थिक योजना तैयार कर रखी है, ताकि यहां मौजूद कर्मचारियों को ज्यादा दिक्कतों का सामना न करना पड़े। ऐसे में इस अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए हमें (भारत) भी कागमारों के हित में कदम उठाने की जरूरत है।