प्रणब मुखर्जी का दावा, कांग्रेस की सरकारों ने तैयार की है 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था की नींव
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 20, 2019 07:33 AM2019-07-20T07:33:03+5:302019-07-20T07:33:03+5:30
आईआईटी, आईआईएम, बैंकिंग नेटवर्क की स्थापना मुखर्जी ने कहा, ''भारत ने तेजी से तरक्की की, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू तथा अन्य ने आईआईटी, आईआईएम, इसरो, बैंकिंग नेटवर्क आदि की स्थापना की... इसे मनमोहन सिंह और नरिसम्हा राव द्वारा अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करने से भी मदद मिली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्ष 2024 तक भारत की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर करने की बात कह रहे हैं. भारत इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था इसलिए बनेगा क्योंकि पहले की सरकारों ने इसके लिए मजबूत नींव तैयार की है. यह बात आज पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने एक कार्यक्रम के दौरान कही.
मुखर्जी ने कहा है कि आधुनिक भारत की नींव उन संस्थापकों ने रखी थी, जिनका योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में मजबूत भरोसा था, जैसा आजकल नहीं है, जब योजना आयोग को खत्म कर दिया गया है.
यहां मावलंकर हॉल स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्र म में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ''जो लोग 55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह बात नजरअंदाज कर देते हैं कि आजादी के वक्त भारत कहां था, और हम कितना आगे आ चुके हैं... हां, अन्य लोगों ने भी योगदान दिया, लेकिन आधुनिक भारत की नींव हमारे उन संस्थापकों ने रखी थी, जिन्हें योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था में मजबूती से भरोसा था, जबकि आज ऐसा नहीं है, जब योजना आयोग को ही खत्म कर दिया गया है.''
मुखर्जी ने कहा, ''जो 50-55 साल के कांग्रेस शासन की आलोचना करते हैं, वे यह भूल जाते हैं कि हमने कहां से शुरू किया था, और कहां जाकर छोड़ा था... अगर भारत की अर्थव्यवस्था को 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है, तो हमने 18 खरब डॉलर की मजबूत नींव छोड़ी थी, जो लगभग शून्य से शुरू हुई थी.''
उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य में 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बना पाने की नींव पिछली सरकारों ने रखी थी. पूर्व राष्ट्रपति ने कहा, ''वित्तमंत्री ने बजट पेश करते हुए कहा था कि वर्ष 2024 तक भारत की अर्थव्यवस्था 50 खरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगी... लेकिन यह दर्जा आसमान से उतरकर नहीं आएगा. इसके लिए मजबूत नींव मौजूद है, और उस नींव को अंग्रेजों ने नहीं, आजादी के बाद हिंदुस्तानियों ने ही बनाया था.''
आईआईटी, आईआईएम, बैंकिंग नेटवर्क की स्थापना मुखर्जी ने कहा, ''भारत ने तेजी से तरक्की की, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू तथा अन्य ने आईआईटी, आईआईएम, इसरो, बैंकिंग नेटवर्क आदि की स्थापना की... इसे मनमोहन सिंह और नरिसम्हा राव द्वारा अर्थव्यवस्था का उदारीकरण करने से भी मदद मिली, जिससे भारत की आर्थिक संभावनाएं बेहद बढ़ गईं... उसी बुनियाद पर वित्त मंत्री आज यह दावा कर सकते हैं कि भारत 50 खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा.''