नई दिल्ली: केंद्र सरकार और विपक्ष के बीच संसदीय स्थायी समितियों के लिए बातचीत खत्म होने के बाद कांग्रेस को लोकसभा और राज्यसभा में समितियों के लिए मिलने वाले अध्यक्ष पदों की संख्या साफ हो गई है। कांग्रेस लोकसभा में तीन और राज्यसभा में एक समिति के लिए अध्यक्ष की कुर्सी हासिल करने में कामयाब रही है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार लोकसभा में कांग्रेस को विदेश मामलों की स्थायी समिति, कृषि पर स्थायी समिति और ग्रामीण विकास पर स्थायी समिति में अध्यक्ष पद मिलेगा। राज्यसभा में विपक्षी दल कांग्रेस को शिक्षा के लिए स्थायी समिति में अध्यक्ष का पद मिलेगा। समितियों को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच कुछ महीनों से बातचीत चल रही थी।
कांग्रेस ने पांच संसदीय स्थायी समितियों के लिए अध्यक्षों की मांग की थी। ये मांग चार लोकसभा की और एक राज्यसभा की समितियों को लेकर थी। इंडिया गठबंधन के साझेदारों समाजवादी पार्टी, डीएमके और एआईटीसी को भी एक-एक समिति में अध्यक्ष पद मिलने की संभावना है। बता दें कि राज्यसभा समितियों में कांग्रेस ने गृह मामलों की महत्वपूर्ण समिति की भी मांग की थी।
सरकार द्वारा विपक्ष को स्थायी समिति के अध्यक्ष का पद आवंटित करने का निर्णय लेने से पहले सरकारी प्रतिनिधियों और विपक्षी सदस्यों के बीच कई दौर की बैठकें हुईं। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और केंद्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भाग लिया। कांग्रेस का प्रतिनिधित्व लोकसभा में उपनेता गौरव गोगोई औरपार्टी के मुख्य सचेतकों कोडिकुन्निल सुरेश और हेराम रमेश ने किया।
इससे पहले 16 अगस्त को संसद की पांच स्थायी समितियों का गठन किया गया था। जिसमें कांग्रेस सांसद और प्रभारी महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल को लोक लेखा समिति के अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया। परंपरा के अनुसार लोक लेखा समिति के अध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता है।
गठित की गई अन्य समितियाँ हैं पिछड़ा वर्ग कल्याण समिति, जिसके अध्यक्ष गणेश सिंह (भाजपा) होंगे। प्राक्कलन समिति, जिसके अध्यक्ष संजय जयसवाल (भाजपा) होंगे। सार्वजनिक उपक्रम समिति, जिसके अध्यक्ष होंगे बैजयंत पांडा (भाजपा) होंगे। और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण समिति, जिसके अध्यक्ष फग्गन सिंह कुलस्ते (भाजपा) होंगे।