पंजाब संकट: कांग्रेस कैप्टन को नाराज नहीं करना चाहती और सिद्धू को खोना नहीं चाहती
By बलवंत तक्षक | Published: June 20, 2019 07:04 AM2019-06-20T07:04:43+5:302019-06-20T07:04:43+5:30
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की लड़ाई में कांग्रेस आलाकमान बीच का रास्ता तलाश रहा है. कांग्रेस नेतृत्व इस लड़ाई के चलते कैप्टन को नाराज नहीं करना चाहता, लेकिन सिद्धू को भी नहीं खोना चाहता.
कैप्टन व सिद्धू के बीच बढ़ती खींचतान को देखते हुए आम आदमी पार्टी और लोक इंसाफ पार्टी ने सिद्धू को अपनी तरफ आने का खुला न्योता दिया है. अपने महकमे बदले जाने से नाराज चल रहे सिद्धू को कांग्रेस में बड़ा पद मिलने की चर्चा हैं. उनके अगले एक-दो दिन में बिजली व नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत विभागों का प्रभार संभाल लेने की उम्मीद है.
इसके बाद सिद्धू को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. कैप्टन ने 6 जून को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सिद्धू से स्थानीय निकाय, पर्यटन और सांस्कृतिक महकमे लेकर उन्हें बिजली व नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत विभाग दे दिए थे. इसे कैप्टन की सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई के रूप में देखा गया था.
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व महासचिव प्रियंका गांधी से मिलकर कैप्टन की शिकायत करते हुए उन्होंने विभाग बदले जाने को अपना कद घटाए जाने के रूप में आंका. हालांकि राहुल ने उन्हें नए विभाग ही संभालने के निर्देश दिए. इस दौरान राहुल ने उन्हें भरोसा दिलाया कि जल्दी ही उन्हें पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.