कांग्रेस ने बदला शिवसेना का तेवर और कलेवर, हिंदुत्व छोड़ धर्मनिरपेक्षता के रास्ते चलेगी सरकार

By शीलेष शर्मा | Published: November 17, 2019 05:05 AM2019-11-17T05:05:07+5:302019-11-17T05:05:07+5:30

उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार सरकार के गठन में मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को देने को लेकर सहमत कांग्रेस दो मुद्दों पर अड़ी हुई थी, जिसमें भाजपा से शिवसेना के पूरी तरह से रिश्ता तोड़ने और कट्टर हिंदुत्व को छोड़कर सभी के साथ धर्मनिरपेक्षता के आधार पर समान व्यवहार करने की शर्त शामिल थी.

Congress changed Shiv Sena's attitude and culture, government will leave the path of secularism leaving Hindutva | कांग्रेस ने बदला शिवसेना का तेवर और कलेवर, हिंदुत्व छोड़ धर्मनिरपेक्षता के रास्ते चलेगी सरकार

कांग्रेस ने बदला शिवसेना का तेवर और कलेवर, हिंदुत्व छोड़ धर्मनिरपेक्षता के रास्ते चलेगी सरकार

Highlightsमहाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर कांग्रेस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. कांग्रेस-राकांपा और शिव सेना के बीच आम सहमति के आधार पर तैयार किया गया है.

महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर कांग्रेस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. शिवसेना अब कट्टर हिंदुत्व का चोला उतारकर धर्मनिरपेक्षता के रास्ते चलेगी. यह बात उस न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल की गई है जो कांग्रेस-राकांपा और शिव सेना के बीच आम सहमति के आधार पर तैयार किया गया है.

उच्चपदस्थ सूत्रों के अनुसार सरकार के गठन में मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को देने को लेकर सहमत कांग्रेस दो मुद्दों पर अड़ी हुई थी, जिसमें भाजपा से शिवसेना के पूरी तरह से रिश्ता तोड़ने और कट्टर हिंदुत्व को छोड़कर सभी के साथ धर्मनिरपेक्षता के आधार पर समान व्यवहार करने की शर्त शामिल थी.

न्यूनतम साझा कार्यक्रम में कांग्रेस और रांकापा के संयुक्त चुनावी घोषणा पत्र मंे किए गए वादों को पूरा करने के बात भी सुनिश्चित की गई है. हालांकि, कांग्रेस ने अभी यह साफ नहीं किया है कि वह सरकार में शामिल होगी. लेकिन, विधायकों के दबाव के साथ-साथ शरद पवार के निरंतर आग्रह के कारण यह संभावना प्रबल होती जा रही है कि स्थायी सरकार देने के लिए कांग्रेस का सरकार में शामिल होना जरूरी है.

पवार सोमवार को सोनिया गांधी से इस पहलू पर भी चर्चा करेंगे, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि कांग्रेस की भूमिका क्या होगी जिसके आधार पर तीनों दलों के बीच अंतिम दौर की बातचीत के बाद सरकार के गठन का रास्ता खुल जाएगा.

अगले एक सप्ताह में सरकार! समझा जाता है कि शरद पवार और सोनिया गांधी के बीच होने वाली मुलाकात में न्यूनतम साझा कार्यक्रम में शामिल किए गए मुद्दों पर चर्चा के साथ-साथ सरकार के स्वरूप को लेकर बातचीत होगी, जिसके आधार पर अगले एक सप्ताह में महाराष्ट्र को शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार मिल सकती है.

Web Title: Congress changed Shiv Sena's attitude and culture, government will leave the path of secularism leaving Hindutva

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