क्या राफेल 36 लड़ाकू विमानों की खरीद में बिचौलिए को 10 लाख यूरो की रिश्वत दी गयी थी, कांग्रेस ने फिर उठाया मुद्दा
By शीलेष शर्मा | Published: April 5, 2021 04:28 PM2021-04-05T16:28:30+5:302021-04-05T16:29:40+5:30
रणदीप सुरजेवाला कहा कि फ्रांस के एक समाचार पोर्टल ने अपने नये खुलासे से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस रुख को सही साबित किया है कि राफेल विमान सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है।
नई दिल्लीः राफेल लड़ाकू विमान खरीद में हुए कथित घोटाले का जिन एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है।
फ्रांस के न्यूज़ पोर्टल द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद में बिचौलिये की भूमिका और कथित रूप से कमीशन के रूप में दी गयी रिश्वत जो 10 लाख यूरो बताई जा रही है। फ़्रांस की भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाली एजेंसी के हवाले से मीडिया पार्ट ने यह खुलासा किया है, जबकि मोदी सरकार इस विवाद पर कहती रही है कि लड़ाकू राफेल विमानों की खरीद में कोई दुराचार नहीं किया गया है और न ही किसी को लाभ पहुँचाया गया है।
कांग्रेस ने इस खबर के सार्वजनिक होते ही मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाते हुये मोदी से उन सवालों के जबाब मांगे हैं, जो फ़्रांस की एंटीकरप्शन एजेंसी ने इस सौदे को लेकर खड़े किये हैं।
10 लाख यूरो तोहफ़े के रूप में ग्राहक को दिए जाने की एकाऊंट बुक में एंट्री, इस पूरे मामले में पहेली बनी हुयी है कि यह मोटी रकम तोहफ़े के रूप में क्यों और किसको दी गयी थी। डेफसिस सोल्यूशंस का इससे क्या रिश्ता है ,उसकी इस खरीद में क्या भूमिका थी, कंपनी का मालिक कौन है, ऐसे अनेक सवालों के अब उत्तर खोजे जा रहे हैं।
कांग्रेस ने 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से जुड़े 6 महत्वपूर्ण सवाल उठाये हैं पार्टी ने पूछा है डेफसीस सोलूशन्स क्या बिचौलिये की भूमिका निभा रहा था, क्या इस पूरे मामले की सच्चाई सामने लाने के लिये जांच नहीं होनी चाहिये। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदी से मांग की कि वह अपना मौन तोड़ें और देश को सच्चाई बताएं कि बिचौलिया कौन था ,कितनी रकम बतौर कमीशन दी गयी और क्या रक्षा सौदों के लिये निर्धारित मानदंडों का उलंघन नहीं किया गया क्या।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या इस मामले की पूरी और स्वतंत्र जांच कराने की जरूरत नहीं है? अगर घूस दी गई है जो यह पता लगना चाहिए कि भारत सरकार में किसे पैसा दिया गया।’’ कांग्रेस नेता ने यह भी पूछा, ‘‘क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब देश को जवाब देंगे?’’ सुरजेवाला ने कहा कि इस पैसे को दसॉं ने ‘ग्राहकों को उपहार’ पर किए गए खर्च के रूप में दिखाया है।
उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया के अनुसार, अगर किसी तरह के बिचौलिये या कमीशन का सबूत मिलता है तो फिर इसके गंभीर दंडात्मक नतीजे होंगे तथा आपूर्तिकर्ता पर प्रतिबंध, अनुबंध को रद्द करने, भारी जुर्माना लगाने और प्राथमिकी दर्ज किए जाने तक के कदम उठाए जा सकते हैं। सुरजेवाला ने सवाल किया कि रॉफेल की निर्माता कंपनी के खिलाफ ये कदम उठाए जा सकते हैं?