कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमलावर, कहा-अमेजन के 8546 करोड़ रुपये की रिश्वत किस अधिकारी और सफेदपोश राजनेता को मिली?
By शीलेष शर्मा | Published: September 22, 2021 08:28 PM2021-09-22T20:28:22+5:302021-09-22T20:30:02+5:30
अमेरिका की ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन ने 2018-20 के दौरान भारत में अपनी मौजूदगी बनाये रखने के लिए कानूनी गतिविधियों पर 8,546 करोड़ रुपये यानी 1.2 अरब डॉलर खर्च किए हैं।
नई दिल्लीः कांग्रेस ने ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन से जुड़े कथित रिश्वतखोरी के मामलों को लेकर बुधवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि विदेशी ई-वाणिज्य कंपनी अमेजन ने पिछले दो साल में भारत में कानूनी शुल्क के नाम पर 8,546 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
अमेजन कंपनी द्वारा अलग अलग कंपनियों से आठ हज़ार 546 करोड़ के भुगतान के मुद्दे पर मोदी सरकार विवादों में घिरती नज़र आ रही है, क्योंकि कांग्रेस ने सीधा आरोप लगाया है कि 8546 करोड़ की राशि अमेज़न ने रिश्वत के रूप में दी है।
पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए पूछा कि अमेजन की 6 कंपनियों ने मिलकर 8,546 करोड़ रुपए का जो भुगतान किया। उन कंपनियों के बीच रिश्ता क्या है व किस-किस और कंपनी से इनके व्यवसायिक ताल्लुकात हैं तथा यह पैसा निकालकर किसको व किस प्रकार से भुगतान किया गया? राहुल ने भी सरकार पर निशाना साधा और ट्वीट किया "देश को घुन लगा है और केंद्र सरकार मित्रों की गोद में सो रही है " उन्होंने मादक द्रव्यों की तस्करी पर भी चुटकी ली और पूछा कि क्या इस ज़हर से बर्बाद हो रहे सैकड़ों परिवारों की ज़िम्मेदारी केन्द्रीय सरकार की नहीं है।
अब सामने आया है कि यह पैसा तथाकथित रिश्वत के तौर पर दिया गया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘अमेजन द्वारा 8,546 करोड़ रुपये की रिश्वत भारत सरकार में किस अधिकारी और सफेदपोश राजनेता को मिली? क्या यह रिश्वत मोदी सरकार में कानून व नियम बदलने के लिए दी गई ताकि छोटे-छोटे दुकानदारों और उद्योगों का धंधा बंद कर अमेजन जैसी ई-वाणिज्य कंपनी का व्यवसाय चल सके?’’
अमेजन ने इस मामले पर कहा है कि इस राशि में उसके कानूनी मामलों के साथ साथ पेशेवर मामलों का खर्च भी शामिल है तथा यह केवल विधि कार्यों से जुड़ा खर्च नहीं है। सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर सुपारी लेने का आरोप लगाया और कहा सरकार का इरादा देश की संपत्ति को बेचना,दुकानदारों और छोटे उद्योगों को चौपट करना तथा 70 वर्ष की विरासत को पूंजीपति मित्रों को सौंप देना है।
सरकार पर सीधा आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने पूछा कि 8546 करोड़ रिश्वत क्यों और किसे दी गयी। कानूनी फीस के नाम पर यह भुगतान किसे किया गया। जब की कानून मंत्रालय का बजट 1100 करोड़ है, तब अमेजन द्वारा 8546 करोड़ की रकम कहा गयी। क्या यह रकम रिश्वत के तौर पर दी गयी थी।
सरकार बताये के किस किस अधिकारी और किस किस नेता में इस रकम का बंटवारा हुआ। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि अमेरिका और भारत में लॉबिंग के लिए रकम के भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है फिर अमेजन द्वारा रिश्वत के रूप में बांटी गयी रकम की जांच क्यों नहीं कराई गयी। कांग्रेस ने इस पूरे मामले की आपराधिक जांच कराने की मांग करते हुए सरकार से इससे जुड़े तथ्यों का खुलासा करने की मांग की।