कांग्रेस का आरोप- रेल हादसे की CBI जांच की बात केवल मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए, पीएम मोदी से पूछे सवाल

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 5, 2023 06:22 PM2023-06-05T18:22:42+5:302023-06-05T18:24:07+5:30

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओडिशा रेल हादसे की जांच सीबीआई से कराने की बात कही थी। अब कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सीबीआई जांच की बात केवल मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए की जा रही है।

Congress alleges that the matter of CBI investigation in the train accident is only to divert attention | कांग्रेस का आरोप- रेल हादसे की CBI जांच की बात केवल मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए, पीएम मोदी से पूछे सवाल

ओडिशा रेल हादसे के बाद से ही कांग्रेस सत्तारुढ़ भाजपा पर हमलावर है

Highlightsओडिशा रेल हादसे के बाद से ही कांग्रेस सत्तारुढ़ भाजपा पर हमलावरकांग्रेस इस हादसे को लगातार लापरवाही का नतीजा बता रही हैसीबीआई जांच की बात को मुद्दे से ध्यान हटाने का तरीका बताया

नई दिल्ली: ओडिशा रेल हादसे के बाद से ही कांग्रेस सत्तारुढ़ भाजपा पर हमलावर है। कांग्रेस इस हादसे को लगातार लापरवाही का नतीजा बता रही है और इसके लिए पीएम मोदी और रेलमंत्री को जिम्मेदार बता रही है।  रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हादसे की जांच सीबीआई से कराने की बात कही थी। अब कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सीबीआई जांच की बात केवल मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए की जा रही है। 

कांग्रेस की वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व रेल मंत्री भक्त चरण दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, "सरकार कह रही है कि दोषियों को दंड मिलेगा। सवाल यही है- "कौन दोषी है?" CBI जांच के नाम पर देश का ध्यान भटकाया जा रहा है। CAG रिपोर्ट में सामने आ चुका है कि 2017 से अब तक कितनी बार ट्रेन दुर्घटनाएं हुईं हैं। इस पर न प्रधानमंत्री ध्यान दे रहे और न रेलमंत्री।"

उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र लिखकर कई महत्वपूर्ण बातों पर भारत सरकार का ध्यान आकर्षित किया है। इस पत्र में उन्होंने सवाल उठाया है कि "क्या कारण है कि 2017-18 में रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ा गया? ऐसी ही कई और जरूरी बातों को श्री खरगे द्वारा पत्र में उठाया गया है।"

बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को ओडिशा रेल हादसे के बारे में पत्र लिखा था। खड़गे ने कई मुद्दे उठाए थे। उन्होंने पत्र में लिखा,  "रेलवे को बुनियादी तौर पर मजबूत करने के बजाय खबरों में बने रहने के लिए ऊपरी तौर पर ही बदलाव किए जा रहे हैं। लगातार गलत फैसलों की वजह से रेल का सफर असुरक्षित बन गया है।  रेलवे में तीन लाख पद खाली हैं। पूर्वी तट रेलवे में, जहां ये हादसा हुआ, वहां भी 8278 पद खाली हैं। कई वरिष्ठ पदों पर भी तैनाती नहीं हुई हैं।  रेलवे बोर्ड खुद इस बात को स्वीकार कर चुका है कि लोको पायलट्स पर काम का दबाव ज्यादा है क्योंकि कर्मचारियों की कमी की वजह से उन्हें कई घंटे अतिरिक्त काम करना पड़ता है।  लोको पायलट रेल सुरक्षा के लिए अहम होते हैं, ऐसे में उनकी रिक्तियां क्यों नहीं भरी जा रहीं?"

मल्लिकार्जुन खड़गे ने ने दावा किया, "8 फरवरी 2023 को मैसूर में हुए हादसे के बाद साउथ वेस्ट जोनल रेलवे के संचालन अधिकारी ने रेलवे के सिग्नल सिस्टम को दुरुस्त करने की जरूरत बताई थी लेकिन उस चेतावनी को रेल मंत्रालय ने क्यों दरकिनार किया? कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी की सलाह को रेलवे बोर्ड ने दरकिनार किया। जांच में पता चला है कि 8-10 प्रतिशत रेल हादसों की ही कमीशन ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) द्वारा जांच की गई है। सीआरएस को मजबूत और स्वायत बनाने की दिशा में कदम क्यों नहीं उठाए गए? रेल बजट को आम बजट से क्यों मिलाया गया? ससे रेलवे की स्वायतता प्रभावित हुई और उसके फैसले लेने की क्षमता भी प्रभावित हुई है।" 

बता दें कि ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर के बाद सोमवार को भारतीय रेलवे ने बालासोर के बहानगा गांव में पटरियों पर यात्री ट्रेनों को चलाना शुरू कर दिया है। ट्रेनों की टक्कर के कारण यह ट्रेक बुरी तरह से प्रभावित था जिसपर रेलवे ने फौरन काम करते हुए दोबारा आवाजाही शुरू करने का काम कर दिया है। युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य शुरू होने के बाद मरम्मत की गई पटरियों पर यात्री ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू हो गया। 

Web Title: Congress alleges that the matter of CBI investigation in the train accident is only to divert attention

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