कांग्रेस और अकाली दल Covid-19 पर पीएम की बैठक में नहीं लेंगे हिस्सा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 20, 2021 05:56 PM2021-07-20T17:56:02+5:302021-07-20T17:56:02+5:30
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण पीएम मोदी की उपस्थिति में इस बैठक में कोविड -19 पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के सामने प्रेजेंटेशन करेंगे।
कांग्रेस और अकाली दल ने मंगलवार शाम पीएम मोदी की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना की स्थिति पर चर्चा के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बीजेपी की पूर्व सहयोगी अकाली दल ने पीएम की कोविड को लेकर बुलाई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया हैं। अकाली दल ने कहा कि जब तक किसानों को लेकर बैठक नहीं होगी, तब तक पीएम के साथ किसी भी मुद्दे पर बात नहीं की जाएगी।
Today Shiromani Akali Dal will boycott PM Modi's briefing on COVID-19. It will be attended only after he calls a meeting to discuss farm issues: Sukhbir Singh Badal, SAD President pic.twitter.com/xFjUOL2hXu
— ANI (@ANI) July 20, 2021
इस मुद्दे पर राज्य सभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस बैठक का बहिष्कार नहीं कर रही है लेकिन हम नहीं जाएंगे क्योंकि हम चाहते हैं कि सेंट्रल हॉल में प्रजेंटेशन हो। सभी सांसदों के सामने प्रजेंटेशन हो ताकि वे अपने क्षेत्र में लोगों को बता सकें।
We'd said that all MPs be called in Central Hall instead of just the Floor Leaders. Everyone must be spoken to. We had said that this be done in 2 slots. We're not attending it as everyone should get to know(COVID situation): Congress MP Mallikarjun Kharge on PM briefing on COVID pic.twitter.com/cnPJ5RJ5LH
— ANI (@ANI) July 20, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण पीएम मोदी की उपस्थिति में इस बैठक में कोविड -19 पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के सामने प्रेजेंटेशन करेंगे।
सोमवार को मानसून सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी दल संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित कर महंगाई, कोरोना महामारी समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
पीएम मोदी को नवनियुक्त मंत्रियों को संसद में परिचित करने से भी रोका गया, जिसके बाद उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि सरकार में बड़ी संख्या में महिलाएं, दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग मंत्री बने हैं, जो विपक्ष को रास नहीं आ रहा है।