BJP को फेसबुक की मदद मिलने के आरोपों को लेकर कांग्रेस ने फिर मार्क जुकरबर्ग को लिखा पत्र, जानें पूरा विवाद
By भाषा | Published: August 29, 2020 05:30 PM2020-08-29T17:30:10+5:302020-08-29T17:30:10+5:30
अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ में भी पिछले दिनों इसी तरह की एक खबर प्रकाशित हुई थी जिसके बाद कांग्रेस ने फेसबुक की भारतीय इकाई और भाजपा के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया था और जुकरबर्ग को पत्र लिखकर इस मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की थी।
नई दिल्ली: कांग्रेस ने फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को शनिवार (29 अगस्त) को दोबारा पत्र लिखा और सवाल किया कि इस सोशल नेटवर्किंग कंपनी की भारतीय इकाई की ओर से सत्तारूढ़ भाजपा की मदद किए जाने के आरोपों के संदर्भ में क्या कदम उठाए गए हैं ? मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा है कि फेसबुक के कुछ कर्मचारियों और भाजपा के बीच कथित ‘सांठगांठ’ के मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच होनी चाहिए। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अमेरिका की मशहूर पत्रिका ‘टाइम’ की एक खबर का हवाला देते हुए जुकरबर्ग को पत्र लिखा है।
उनका दावा है कि इस पत्रिका की खबर से भाजपा एवं फेसबुक इंडिया के ‘एक दूसरे को फायदा पहुंचाने और पक्षपात के सबूत’ तथा दूसरी जानकारियां सामने आई हैं। कांग्रेस के आरोपों पर फेसबुक और भाजपा की तरफ से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
‘टाइम’ की खबर शेयर करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर दावा किया कि इससे ‘व्हाट्सऐप और भाजपा की सांठगांठ’ का खुलासा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘भारत में व्हाट्एसऐप का 40 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं।
व्हाट्सऐप को पैसे के लेनदेन की सेवा आरंभ करने के लिए मोदी सरकार की अनुमति की जरूरत है। ऐसे में व्हाट्सऐप भाजपा की गिरफ्त में है।’’ उल्लेखनीय है कि व्हाट्सऐप का स्वामित्व फेसबुक के पास है। वेणुगोपाल ने गत 17 अगस्त के लिखे अपने पत्र का हवाला दिया और जुकरबर्ग से सवाल किया कि कांग्रेस के पहले जो मुद्दे उठाए थे उन पर फेसबुक की तरफ से क्या कदम उठाए गए हैं?
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और पार्टी के डाटा विश्लेषण विभाग के प्रमुख प्रवीण चक्रवर्ती ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा और फेसबुक इंडिया के लोगों के बीच कथित संबंध के मामले की जांच जेपीसी से होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि फेसबुक की तरफ से अपनी भारतीय शाखा की जिस जांच का आदेश दिया गया उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।