कांग्रेस ने फिर दोहराया 'चौकीदार चोर है', मोदी सरकार को दी जेपीसी जांच की चुनौती
By शीलेष शर्मा | Published: November 15, 2019 08:08 AM2019-11-15T08:08:00+5:302019-11-15T08:08:00+5:30
कांग्रेस के दो प्रवक्ताओं रणदीप सुरजेवाला और जयवीर शेरगिल ने बारी-बारी से भाजपा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह न्यायालय के आदेश पर गलत बयानबाजी कर देश से झूठ बोल रही है.
राफेल मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को लेकर गुरुवार को कांग्रेस ने भाजपा के हमले का न केवल जवाब दिया बल्किसरकार को मामले की जांच कराने की चुनौती भी दी. कांग्रेस ने कहा कि फैसले के पैरा संख्या 86 में सर्वोच्च न्यायालय ने जो लिखा है उसके बाद सरकार को चाहिए कि राफेल सौदे की जांच का आदेश दे और इसे संसद की संयुक्त समिति यानी जेपीसी के हवाले किया जाए, क्योंकि उसके पास वे सभी अधिकार हैं जिसके तहत वह साक्षियों को बुला सकती है और फाइलों का निरीक्षण कर सकती है.
कांग्रेस के दो प्रवक्ताओं रणदीप सुरजेवाला और जयवीर शेरगिल ने बारी-बारी से भाजपा पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि वह न्यायालय के आदेश पर गलत बयानबाजी कर देश से झूठ बोल रही है. क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि अदालत का यह फैसला किसी भी जांच एजेंसी के जांच करने में आड़े नहीं आएगा, जांच एजेंसियों को अधिकार है कि वे इस मामले की पूरी तहकीकात करें क्योंकि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सर्वोच्च न्यायालय के सामने जो सीमाएं हैं, जांच एजेंसियां उन सीमाओं से मुक्त हैं.
कांग्रेस का तर्क था कि चूंकि शीर्ष न्यायालय ने अपने आदेश के जरिए राफेल के तकनीकी पहलुओं, उसकी कीमत और अनुबंधों को लेकर अनुच्छेद 32 का हवाला दिया है और कहा है कि वह इन मामलों की जांच करने कि लिए अधिकृत नहीं हैं, लेकिन जांच एजेंसियां इस मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं क्योंकि अनुच्छेद 32 किसी जांच एजेंसी पर लागू नहीं होता. कांग्रेस ने कहा कि अदालत ने जब जांच का रास्ता खोला है तब मोदी सरकार जांच एजेंसियों को पूरे मामले की जांच की अनुमति दे.
अदालत के हाथ बंधे हो सकते हैं लेकिन एजेंसियों के हाथ बंधे नहीं हैं. भाजपा अपनी जीत का दावा कर जो जश्न मना रही है उसका मकसद सिर्फ देश को गुमराह करना है. कांग्रेस ने फिर 'चौकीदार' को 'चोर' बताते हुए कहा कि जब तक राफेल की पूरी जांच नहीं हो जाती तब तक 'चौकीदार चोर है.'
पार्टी प्रवक्ता ने यह भी पूछा कि शीर्ष कोर्ट की इन टिप्पणियों के बाद क्या केंद्र सरकार अनुच्छेद 17-ए के तहत जांच की इजाजत देगी? पार्टी ने अदालत के फैसले के उन हिस्सों का उल्लेख किया जिसमें यह साफ किया गया है कि सीमाओं में बंधे रहने के कारण वह इस मामले की जांच नहीं कर रहा है लेकिन जांच एजेंसियों इस आपराधिक षडयंत्र और भ्रष्टाचार की जांच के लिए स्वतंत्र हैं.