दिल्ली में अभी खुले हैं कांग्रेस-आप गठबंधन के दरवाजे, दिल्ली प्रभारी के बयान से बढ़ी सरगर्मी
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 16, 2019 09:38 AM2019-03-16T09:38:18+5:302019-03-16T10:11:08+5:30
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन को जरूरी बताया है। उन्होंने कहा कि अभी आम आदमी पार्टी से गठबंधन के दरवाजे खुले हुए हैं।
दिल्ली में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन के दरवाजे अभी खुले हुए हैं। कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको का मानना है कि बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन जरूरी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीसी चाको ने गठबंधन के बारे में अपनी राय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित के सामने रख दी है। गठबंधन की संभावना से दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में सरगर्मियां बढ़ गई हैं। अगर दिल्ली में दोनों पार्टियों का गठबंधन होता है तो इसका असर हरियाणा और पंजाब में पड़ सकता है।
पिछले दिनों राहुल गांधी ने कहा था कि कई अन्य राज्यों में पार्टी गठबंधन की प्रक्रिया में है लेकिन दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सर्वसम्मति से आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से इनकार कर दिया है। दरअसल, दिल्ली कांग्रेस नेतृत्व गठबंधन के मुद्दे पर दो फाड़ हो गया है। कांग्रेस कमेटी के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको गठबंधन के पक्ष में हैं लेकिन दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित आम आदमी पार्टी से गठबंधन नहीं चाहती। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल कई बार सार्वजनिक मंचों से गठबंधन की अपील कर चुके हैं। बात नहीं बनने पर उन्होंने दिल्ली की छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस से आगामी लोकसभा चुनाव में मतों के विभाजन से बचने के लिये दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करने की अपील की है। राकांपा का मानना है कि मतों का विभाजन होने पर भाजपा को फायदा हो सकता है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से इनकार के बाद अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा में कांग्रेस से गठबंधन की पहल की। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि हरियाणा में अगर जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) 'आप' और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ेगा। केजरीवाल ने कहा कि राहुल गांधी को इस प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए।