बिहार में महागठबंधन बिखरा, जीतनराम मांझी बोले-तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं रहे
By एस पी सिन्हा | Published: June 13, 2019 03:23 PM2019-06-13T15:23:34+5:302019-06-13T16:18:42+5:30
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद महागठबंधन में सहयोगी दल तेजस्वी यादव को अब नेता मानने के लिए नही हैं तैयार, उत्पन्न हुई टकराव की स्थिति।
पटना, 13 जूनः बिहार में लोकसभा चुनाव के दौरान बने महागठबंधन में अब टकराव शुरू हो गया है. लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद महागठबंधन में तेजस्वी यादव को अब सहयोगी दल नेता मानने के लिए तैयार नहीं है. पहले हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बयान दिया था कि तेजस्वी यादव महागठबंधन के नेता नहीं रहे. अब कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने भी कहा है कि तेजस्वी यादव राजद के नेता हैं, महागठबंधन के नहीं.
वहीं, कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि कांग्रेस को अगर मजबूत होना है तो अकेले अपने पैरों पर खड़ा होना होगा. जिलाध्यक्षों के साथ समीक्षा के बाद कांग्रेस पार्टी अब अपने विधायकों के साथ समीक्षा करेगी. इसके लिए पार्टी के विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने 15 जून को बैठक बुलाई है. बैठक में पार्टी के विधायक-विधान पार्षद शामिल होंगे.
बैठक में दो एजेंडों पर चर्चा होगी. पहला एजेंडा लोकसभा चुनाव को लेकर बिहार में पार्टी की बुरी हार की समीक्षा है. वहीं, दूसरा एजेंडा 28 तारीख से शुरु होने वाले विधानमंडल के मॉनसून सत्र में पार्टी के रणनीति को लेकर है. वहीं, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने बैठक से पहले साफ तौर पर कहा है कि बिहार में कांग्रेस अपने पैरों पर खड़ा हो तो बेहतर होगा. बिहार के कांग्रेसी नेताओं की भावनाओं से हम आलाकमान को अवगत करा देंगे. लेकिन फैसला तो आलाकमान को ही लेना है.
वहीं, चुनाव में बुरी हार के लिए सदानंद सिंह ने कहा है कि महागठबंधन सिर्फ नाम का था, न तो सही समय पर सीट का बंटवारा हुआ और न ही सही समय पर चुनाव प्रचार की शुरुआत हुई. सीटों का बंटवारा भी ठीक से नहीं हुआ. यहां तक कि पूरे चुनाव में महागठबंधन बिखरा नजर आया. जबकि एनडीए का गठबंधन काफी इंटैक्ट था.
इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा है कि कांग्रेस के लिए राहुल गांधी ही नेता हैं और बिहार में मदन मोहन झा. प्रेमचन्द्र मिश्रा का कहना है कि महागठबंधन अभी है. विधानसभा चुनाव में क्या होगा? यह पार्टी आलाकमान ही फैसला करेगा. वहीं, कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा के बयान के बाद राजद के मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रेमचंद मिश्रा के बयान के कोई मायने नहीं है, राहुल गांधी जब तक कुछ नहीं बोलते.
राजद बड़ी पार्टी है और तेजस्वी यादव को ही सबको नेता मानना पड़ेगा. भाई वीरेन्द्र ने सदानंद सिंह की मनसा पर भी सवाल खडा करते हुए कहा कि सादनंद सिंह के विचार आजकल बदले बदले से नजर आ रहे हैं. उन्हें अपने बेटे को चुनाव लड़वाना है. टिकट किस दल से मिलेगा यह सादनंद सिंह बता सकते हैं. राजद नेता ने कहा कि बिहार के नेताओं की बातों को वो एहमियत नहीं देते जबतक राहुल गांधी की इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं आ जाती.
ऐसे में महागठबंधन में आने वाले समय में तकरार शुरू होना तय माना जा रहा है. वैसे तो विधानसभा चुनाव में अभी समय है. लेकिन कांग्रेस नेताओं और हम के जीतन राम मांझी के रवैये से साफ लग रहा है कि तेजस्वी यादव के लिए अब महागठबंधन का नेता बने रहना आसान नहीं होगा.