डेटा संरक्षण विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में सदन में पेश किया जाएगा
By भाषा | Published: November 18, 2019 08:04 PM2019-11-18T20:04:50+5:302019-11-18T20:04:50+5:30
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘डेटा संरक्षण विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में सदन में पेश किया जाएगा।’’ व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक-2018 का मसौदा न्यायमूर्ति बी. एन. श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर आधारित है।
सरकार ने संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ‘व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक’ को पेश करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह विधेयक लोगों की निजी जानकारियां उनकी मर्जी के बिना उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाएगा। प्रस्तावित विधेयक में लोगों की निजता का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘डेटा संरक्षण विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में सदन में पेश किया जाएगा।’’ व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक-2018 का मसौदा न्यायमूर्ति बी. एन. श्रीकृष्ण की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों पर आधारित है।
इस उच्च स्तरीय समिति का गठन सरकार ने डेटा संरक्षण से जुड़े मसलों पर सुझाव देने के लिए किया था। विधेयक में व्यक्तियों से जुड़ी निजी जानकारियों को देश से बाहर भेजने पर प्रतिबंध और कई शर्तें लगाने के साथ भारतीय डेटा संरक्षण प्राधिकरण गठित करने का प्रावधान है। यह प्राधिकरण निजी जानकारियों के किसी भी तरह के दुरुपयोग को रोकेगा।
विधेयक में डेटा संग्रह करने वाली किसी इकाई के नियमों का उल्लंघन करने पर उसके वैश्विक कारोबार (टर्नओवर) का चार प्रतिशत या 15 करोड़ रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इंडियन इंफोसेक कंसोर्टियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जितेन जैन ने कहा कि यह विधेयक एक आम व्यक्ति की जानकारी का अन्यत्र उपयोग किए जाने पर सख्ती से नियंत्रण रखेगा। यह कंपनियों द्वारा डेटा के दुरुपयोग पर लगाम लगाएगा जिससे कई बार किसी व्यक्ति की निजता में सेंध लगा दी जाती है।