भारत-चीन के बीच कमांडर स्तर की तीसरे दौर की वार्ता, कल चुशूल में हो सकती है बैठक
By स्वाति सिंह | Published: June 29, 2020 05:56 PM2020-06-29T17:56:31+5:302020-06-29T17:56:31+5:30
गलवान घाटी में पिछले हफ्ते हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। पूर्वी लद्दाख में चुशुल सेक्टर के चीनी हिस्से में स्थित मोल्दो में सुबह करीब 11:30 बजे बैठक शुरू हुई और रात तक जारी रही।
लद्दाख: बीते कई दिनों से पूर्वी-लद्दाख के गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव को कम के लिए बातचीत का दौर जारी है। बताया जा रहा है कि कोर कमांडर स्तर पर तीसरे दौर की बैठक जल्द हो सकती है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, सूत्रों ने बताया इस बार यह बैठक भारतीय पक्ष में चुशूल में आयोजित की जा रही है। जबकि पिछली 2 बैठकें चीनी पक्ष में मोल्डो में हुई थी।
इससे पहले (22 जून) सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की वार्ता हुई। देश के शीर्ष सैन्य नेतृत्व ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। गलवान घाटी में पिछले हफ्ते हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे। पूर्वी लद्दाख में चुशुल सेक्टर के चीनी हिस्से में स्थित मोल्दो में सुबह करीब 11:30 बजे बैठक शुरू हुई और रात तक जारी रही।
Third round of Corps Commander-level talks scheduled tomorrow at 10:30 am in Chushul in Ladakh. The first two rounds had taken place in Moldo on Chinese side of the Line of Actual Control: Government Sources pic.twitter.com/Jl6yiRdtfC
— ANI (@ANI) June 29, 2020
भारत-चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की दूसरे दौर की वार्ता हुई
इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि वार्ता में पूर्वी लद्दाख से सैनिकों के हटाने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया। दोनों पक्षों के बीच उसी जगह पर छह जून को लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की पहले दौर की बातचीत हुई थी, जिसके दौरान दोनों पक्षों ने गतिरोध दूर करने के लिए एक समझौते को अंतिम रूप दिया था।
मोल्दो में हुई बातचीत में भारतीय पक्ष का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर ने किया। यह बैठक गलवान घाटी में 15 जून को हुए संघर्ष के बाद दोनों पक्षों में बढ़े तनाव की पृष्ठभूमि में हुई है। यह बीते 45 सालों के दौरान सीमा पर हुआ सबसे गंभीर टकराव था।
15 जून को गलवान घाटी में भारत के 20 जवान हुए थे शहीद
गलवान घाटी में 15 जून हुई हिंसक झड़प 45 साल के इतिहास में दोनों देशों के बीच सीमा पर सबसे बड़े टकराव वाली घटना थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए, वहीं चीन की सेना ने अपने मारे गए जवानों की संख्या नहीं जाहिर की है। पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़ी सैन्य झड़प के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है।
भारतीय वायुसेना ने चीन के साथ लगती 3500 किलोमीटर वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास सभी अग्रिम अड्डों को अलर्ट कर दिया है और संघर्ष के बाद तैयारियों के तहत लड़ाकू विमान और हमलावर हेलीकॉप्टर जैसे अतिरिक्त संसाधनों की तैनाती की है।
भारत और चीन की सेनाओं के बीच पांच मई के बाद से पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य इलाकों में गतिरोध जारी है। पांच मई को पैंगोग सो के तट पर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई थी। सीमा गतिरोध को दूर करने के लिए दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक वार्ता जारी है।